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Last Updated : शनिवार, 27 मार्च 2021 (16:00 IST)

पुरुषों के ‘प्राइवेट पार्ट’ के बारे में दीया मिर्जा ने जो कहा उस दावे में आखि‍र कितना दम है?

पुरुषों के ‘प्राइवेट पार्ट’ के बारे में दीया मिर्जा ने जो कहा उस दावे में आखि‍र कितना दम है? - study about penises dia mirza
अभि‍नेत्री दीया मिर्जा ने हाल ही में जो ट्वीट किया, उसके बाद एक नई बहस शुरू हो गई है। उन्‍होंने एक वेबसाइट की लिंक अपने अकांउट से शेयर करते हुए लिखा था कि शायद अब इस विषय को गंभीरता से लि‍या जाएगा।
दरअसल, जो लिंक उन्‍होंने शेयर की थी उसमें एक रिसर्च का हवाला देते हुए कहा गया था कि बढता हुआ प्रदूषण पुरुषों के प्राइवेट पार्ट को छोटा कर रहा है। उस अध्ययन में दावा किया गया है कि प्रदूषण की वजह से पुरुषों के लिंग छोटे हो रहे हैं या सिकुड़ रहे हैं।

यह दावा पर्यावरण वैज्ञानिक डॉक्टर शाना स्वान ने अपनी नई किताब 'काउंट डाउन' में किया है। उन्‍होंने कहा कि विषैले कैमिकलों की वजह से मानव सभ्यता गंभीर संकट से जूझ रही है। किताब में खासतौर पर थैलेट्स का जिक्र किया गया है। थैलेट्स एक कैमिकल है जिसका इस्तेमाल प्लास्टिक बनाने के लिए किया जाता है।

स्काय न्यूज की खबर के मुताबिक,  इस किताब में यह अध्ययन किया गया है कि कैसे आधुनिक जीवनशैली स्पर्म काउंट के लिए खतरा है और कैसे यह पुरुषों-स्त्रियों की प्रजनन क्षमता को कम कर रही है।

डॉक्टर शान का कहना है कि प्रदूषण की वजह से बीते कुछ समय में छोटे लिंग के साथ पैदा होने वाले बच्चों की संख्या बढ़ गई है।

डॉ. स्वान ने थैलेट्स सिंड्रोम की जांच सबसे पहले तब शुरू की जब उन्हें नर चूहों के लिंग में अंतर दिखाई दिया। उन्हें दिखाई दिया सिर्फ लिंग ही नहीं, मादा चूहों के भ्रूण पर भी असर पड़ रहा है। उनके प्रजनन अंग छोटे होते जा रहे हैं। इसके बाद उन्होंने इंसानों पर भी अध्ययन करने का फैसला किया।

अपने अध्ययन में उन्हें यह पता लगा कि इंसानों के बच्चों में भी यही दिक्कत आ रही है। उनके जननांग विकृत हो रहे हैं।

थैलेट्स की वजह से प्लास्टिक ज्यादा लचीला बनता है। हालांकि, डॉक्टर स्वान का कहना है कि यह केमिकल अब खिलौनों और भोजन पदार्थों के जरिए इंसानों तक पहुंच रहा है और उन्हें नुकसान पहुंचा रहा है।

यह रिसर्च सामने आते ही सोशल मीडिया पर हलचल तेज हो गई है। बहुत सारे यूजर्स जिनमें अधिकतर महिलाएं हैं, ने लिखा है‍ कि अब तो पुरुषों को पर्यावरण की ओर ध्‍यान देना ही होगा। अभिनेत्री दीया मिर्जा ने लिखा है कि 'शायद अब दुनिया जलवायु संकट और वायु प्रदूषण को थोड़ी और गंभीरता से लेगी।'

वहीं पर्यावरण ऐक्टिविस्‍ट ग्रेटा थनबर्ग ने लिखा कि 'आप सभी से अगली जलवायु हड़ताल में मिलती हूं।'
कुछ पुरुषों ने इस रिसर्च का मजाक भी उड़ाया है।

अब नई स्‍टडी में कितना दम है या नहीं है, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन इतना तो तय है कि दीया मिर्जा के इस ट्वीट के बाद सोशल मीड‍ि‍या को बहस करने के लिए एक बेहद दिलचस्‍प मुद्दा मिल गया है।
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