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Last Updated : बुधवार, 26 जून 2024 (16:05 IST)

कांग्रेस ने बताया, स्पीकर चुनाव में क्यों नहीं दिया मत विभाजन पर जोर?

कांग्रेस ने बताया, स्पीकर चुनाव में क्यों नहीं दिया मत विभाजन पर जोर? - speaker election : why india alliance not demand for division of votes
loksabha speaker : कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि इंडिया के घटक दलों ने लोकसभा में अध्यक्ष के चुनाव के दौरान मत विभाजन पर जोर नहीं दिया ताकि आम सहमति और सहयोग की भावना प्रबल हो। कांग्रेस पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने साथ ही यह आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राजग में इसी भावना की कमी है। ALSO READ: ओम बिरला दूसरी बार बने लोकसभा स्पीकर, पीएम मोदी ने दी बधाई
 
भाजपा के सांसद ओम बिरला को बुधवार को ध्वनिमत से लोकसभा अध्यक्ष चुन लिया गया। वह दूसरी बार इस उत्तरदायित्व को संभाल रहे हैं। 

जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपनी पोस्ट में कहा कि इंडिया गठबंधन की पार्टियों ने अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग करते हुए लोकसभा अध्यक्ष के रूप में कोडिकुन्निल सुरेश के समर्थन में प्रस्ताव पेश किया। ध्वनि मत से चुनाव कराया गया।ALSO READ: विपक्ष भी भारत के लोगों की आवाज, राहुल ने इस तरह दी स्पीकर बिरला को बधाई

उन्होंने कहा कि इसके बाद, इंडिया गठबंधन के घटक दल मत विभाजन के लिए जोर दे सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, क्योंकि वे चाहते थे कि आम सहमति और सहयोग की भावना प्रबल हो, जिसका प्रधानमंत्री और राजग के कार्यों में स्पष्ट रूप से अभाव होता है।
 
सरकार के पास संख्या नहीं: तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में कई विपक्षी सांसदों की मांग के बावजूद मत विभाजन की अनुमति नहीं दी, जो इस बात का प्रमाण है कि सरकार के पास पर्याप्त संख्या नहीं है।
 
बनर्जी ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा कि नियमों के मुताबिक, अगर एक भी सदस्य मत विभाजन की मांग करता है तो भी इसे कराना होता है। आप लोकसभा के फुटेज में स्पष्ट रूप से देख और सुन सकते हैं कि विपक्ष के कई सदस्यों ने मतविभाजन मांगा।
 
उन्होंने दावा किया, 'प्रस्ताव को मतदान के बिना ही स्वीकार कर लिया गया। यह इस तथ्य का स्पष्ट प्रमाण है कि सत्तारूढ़ दल, भाजपा, के पास संख्या नहीं है... यह सरकार बिना संख्या के चल रही है। यह अवैध, नीतिविरुद्ध, अनैतिक और असंवैधानिक है। देश की जनता ने उन्हें पहले ही बाहर का रास्ता दिखा दिया है, यह बस समय की बात है कि उन्हें फिर से बाहर का रास्ता दिखाया जाए।’
Edited by : Nrapendra Gupta