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Last Modified: अहमदाबाद , बुधवार, 18 मार्च 2015 (19:55 IST)

लालफीताशाही का शिकार बना सौर विमान का सफर

लालफीताशाही का शिकार बना सौर विमान का सफर - Solar plane
अहमदाबाद। सीमा शुल्क और आव्रजन संबंधी मंजूरी न मिलने की वजह से लालफीताशाही का शिकार बने दुनिया के एकमात्र ‘बिना ईंधन’ के चलने वाले विमान ‘सोलर इंपल्स-2’ के यहां से उड़ान भरने में देरी हुई है। पायलट ने ‘प्रशासन’ को इस देरी का जिम्मेदार ठहराया है।
 
स्विट्जरलैंड के पायलट बरट्रांड पिकार्ड को आव्रजन विभाग से भी मंजूरी नहीं मिली। वे विमान को मस्कट से अहमदाबाद लेकर आए थे। उनके सह पायलट आंद्रे ब्रोर्शबर्ग बुधवार को सौर ऊर्जा से चलने वाले दुनिया के पहले विमान को यहां से वाराणसी लेकर गए।
 
पिकार्ड ने कहा कि देरी की वजह प्रशासन, उसके दस्तावेज, उसके मुहर हैं। मैं यहां किसी को दोषी ठहराने के लिए नहीं आया हूं। मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि पिछले 5 दिन से हम मुहर लगवाने (मंजूरी) की कोशिश कर रहे हैं और हर दिन वे (संबंधित प्राधिकरण) कहते हैं कि गुरुवार को काम होगा और हर उस कल को फिर कल पर टाला जाता है। पिछले 5 दिन से हम मुहर लगवाने को व्याकुल हैं और अब भी मुहर नहीं लगी है।
 
एक वरिष्ठ हवाई अड्डा अधिकारी ने कहा कि सीमा शुल्क और आव्रजन विभाग ‘सोलर इंपल्स-2’ (एसआई-2) टीम को मंजूरी देने में नाकाम रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि यह सीमा शुल्क और आव्रजन से जुड़ा मुद्दा है। किसी विदेशी विमान को उड़ान भरने देने के लिए परिवहन संबंधी मंजूरी देने का नियम है, लेकिन इस मामले में सीमा शुल्क विभाग परिवहन संबंधी मंजूरी देने में नाकाम रहा है। (भाषा)