दशहरे की एक सप्ताह की छुट्टी के बाद आज से सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मसले पर फिर से सुनवाई शुरु होगी। मामले की सुनवाई कर रही चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ अब संभवत इस मामले पर केवल 4 दिन और सुनवाई करेगा।
पीठ की अगुवाई कर रहे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पहले ही साफ कर चुके है 17 अक्टूबर तक इस मामले में सभी पक्षकार अपनी जिरह पूरी करें।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के 38 वें दिन आज मुस्लिम पक्षकार अपनी दलील रखेगा। अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट 17 नवंबर को अपना फैसला सुना सकता है क्योंकि इसी दिन संविधान पीठ की अगुवाई कर रही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई रिटायर हो जाएंगे।
अयोध्या में धारा 144 लागू – अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का काउंट डाउन शुरु होने के साथ ही अब प्रशासन सतर्क हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट के संभावित फैसले और त्यौहारों को देखते हुए जिला प्रशासन ने अयोध्या में धारा 144 लगा दी गई है। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा के मुताबिक अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट के संभावित फैसले को देखते हुए पूरे जिले में 10 दिसंबर तक धारा 144 लागू रहेगी।
प्रशासन ने अयोध्या में किसी भी तरह के आयोजन पर रोक लगा दी है, इसके साथ ही प्रशासन ने सरयू नदी में नाव संचालन और ड्रोन उड़ाने पर रोक लगा दी गई है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट में आखिरी दौर की सुनवाई को देखते हुए पूरे अयोध्या में चप्पे चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। वहीं प्रशासन ने दावा किया है कि धारा 144 से दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं और दीपोत्सव के कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
विवाद की भी सुगबुगाहट – एक ओर अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आखिरी दौर की सुनवाई हो रही है तो दूसरी ओर विश्व हिंदू परिषद के एक फैसले ने कहीं न कहीं विवाद को भी जन्म दे दिया है।
विहिप ने दीपावली पर गर्भगृह में विराजमान रामलला के साथ दीपावली मनाने का निर्णय लिया है। विहिप ने दीपावाली पर विवादित जगह पर दीप जलाने की मांग को लेकर परिसर के रिसीवर मंडलायुक्त से अनुमति मांगी है।
विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा के मुताबिक अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है तो उनकी जन्मभूमि पर भी दीपोत्सव का कार्यक्रम होना चाहिए, इसके लिए वह जिला प्रशासन के मांग करेंगे कि रामलला जहां विराजमान है वहां भी दीपोत्सव का कार्यक्रम होना चाहिए।
मुस्लिम पक्षकार ने किया विरोध – सुप्रीम कोर्ट में पूरे मामले पर सुनवाई पूरी होने से पहले विहिप की इस मांग को लेकर मुस्लिम पक्षकार ने कड़ा विरोध जताया है।
रविवार को अयोध्या में मामले से जुड़े बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब के घर मुस्लिम समाज के लोगों की एक बड़ी बैठक हुई। जिसमें विहिप की मांग को सिरे से खारिज कर दिया गया।
बैठक के बाद मुस्लिम पक्षकार हाजी महूबब ने विवादित जमीन पर दीपोत्सव मानने की किसी भी कोशिश को गलत बताया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर विश्व हिंदू परिषद को अधिग्रहीत परिसर में दीपोत्सव मानने की अनुमति देता है तो मुस्लिम समाज वहां पर नमाज पढ़ने की अनुमति मांगेगा।
बैठक में पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अंतिम दौर की सुनवाई और आने वाले फैसले को लेकर चर्चा हुई। बैठक में मुस्लिम समाज के लोगों को किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की।
बैठक के बाद मुस्लिम पक्षकार हाजी महबूब ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के हर निर्णय का मुस्लिम समाज सम्मान करेगा।
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर अंतिम दौर की सुनवाई और अगले महीने आने वाले संभावित फैसले से पहले मामले से जुड़े दोनों खेमों में हलचल तेज हो गई है।