केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री ने कहा कि अगर इस सलाह के कारण नवरात्र के दौरान देश में कहीं भी कोई झड़प, हमला या धार्मिक संघर्ष होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी विहिप और उससे जुड़े संगठनों की होगी। इस तरह के कदम भारत की एकता, विविधता और धार्मिक सहिष्णुता के मूल पर प्रहार करते हैं। नवरात्रि पूजा और आनंद का त्योहार है और इसे नफरत और संदेह के मंच में बदलने का प्रयास किया जा रहा है, जो बेहद निंदनीय है।मैं कड़ी निंदा करता हूँ! विश्व हिंदू परिषद कौन होती है तय करने वाली कि गरबा में कौन जाएगा और कौन नहीं?#SayNoToDiscrimination #Navratri2025 #VHPControversy #GarbaForAll
— Dr.Ramdas Athawale (@RamdasAthawale) September 21, 2025
गौरतलब है कि विहिप ने शनिवार को कहा था कि 'गरबा' कार्यक्रमों में केवल हिंदुओं को ही प्रवेश दिया जाना चाहिए और आयोजकों को सलाह दी थी कि वे "लव जिहाद" की घटनाओं से बचने के लिए पहचान के उद्देश्य से प्रवेशकर्ताओं का आधार कार्ड देखें।सरकार और प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करते हुए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गरबा और डांडिया आयोजकों को पूरी सुरक्षा मिले। किसी भी प्रकार की जबरदस्ती, पहचान की चेकिंग या धार्मिक भेदभाव की कोशिशों को कानून के तहत सख़्ती से रोका जाए। नवरात्रि सबकी है – इसमें किसी की आस्था का अपमान नहीं,…
— Dr.Ramdas Athawale (@RamdasAthawale) September 21, 2025