निराश राहुल गांधी ने कहा, अब मैं कांग्रेस अध्यक्ष नहीं रहना चाहता
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कहा कि वे अब अध्यक्ष पद पर बने नहीं रहना चाहते।
राजधानी दिल्ली में शनिवार को आयोजित कांग्रेस कार्य समिति की 3 घंटे चली बैठक में राहुल ने अध्यक्ष पद से अपने इस्तीफे की पेशकश की। उन्होंने कहा कि वे अब अध्यक्ष के तौर पर काम नहीं करना चाहते। हालांकि उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस के लिए काम करते रहेंगे।
दूसरी ओर यह भी खबर है कि बैठक में यह भी प्रस्ताव पारित किया गया है कि राहुल गांधी ही अध्यक्ष बने रहेंगे। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी का मानना है कि राहुल गांधी को अध्यक्ष बने रहना चाहिए, उन्हें अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं देना चाहिए। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि राहुल को मना लिया जाएगा क्योंकि कार्य समिति ने उनके इस्तीफे की पेशकश को स्वीकार नहीं किया है।
बैठक से बाहर निकलने के बाद कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी ने कहा, हमें बोलने से मना किया गया है। इसलिए वे इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोलेंगी। कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने तो इस्तीफे की पेशकश का खंडन भी किया था, लेकिन बाद में इसकी पुष्टि हो ही गई।
इससे पहले बैठक में राहुल के दफ्तर में काम करने वालों पर भी सवाल उठा। कहा गया कि ऑफिस के लोग राजनीतिक फैसले लेते हैं। यह भी आरोप लगा कि स्टाफ के लोग लेफ्ट की तरह काम करते हैं। कार्य समिति की बैठक आज सुबह 11 बजे शुरू हुई। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, चिदंबरम, गुलाम नबी आजाद आदि दिग्गज शामिल थे।
गांधी परिवार से बाहर का व्यक्ति बने अध्यक्ष : हालांकि रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कार्यसमिति ने राहुल की पेशकश को एक स्वर में खारिज कर दिया है, लेकिन राहुल ने कहा कि वे अध्यक्ष बने रहना नहीं चाहते। जब उनसे कहा कि वे ही नाम सुझाएं तो उन्होंने कहा कि प्रियंका भी नहीं चलेंगी। गांधी परिवार से बाहर के व्यक्ति को अध्यक्ष बनाना चाहिए। हालांकि राहुल ने कहा कि वे लोकसभा में पार्टी का नेता बनने को तैयार हैं।