कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती ऐतिहासिक कदम, इससे 'मेक इन इंडिया' में बड़ा उछाल आएगा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कंपनी कर में कटौती की वित्तमंत्री की घोषणा का स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक कदम बताया है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कंपनी कर में कटौती के ऐलान के बाद मोदी ने टि्वट किया कि कंपनी कर में कटौती का कदम ऐतिहासिक है। इससे 'मेक इन इंडिया' को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा, दुनियाभर में निजी निवेश आएगा, हमारे निजी क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और इसका परिणाम 130 करोड़ भारतीयों के लिए 'विन-विन' होगा।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सप्ताह में की गई घोषणाओं से स्पष्ट पता चलता है कि हमारी सरकार देश को व्यवसाय के लिए बेहतर जगह बनाने, समाज के सभी वर्गों के लिए अवसर बढ़ाने और प्रगति करते हुए अर्थव्यवस्था को 50 खरब डॉलर तक ले जाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
उल्लेखनीय है कि सीतारमण ने गोवा में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद की बैठक से पहले अर्थव्यवस्था को गति देने के प्रयासों के तहत शु्क्रवार को कई बड़े ऐलान किए। घरेलू कंपनियों और नई घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए कंपनी करों में बड़ी कटौती की घोषणा की गई है। घरेलू कंपनियों के लिए कंपनी की दर बिना रियायत के 22 प्रतिशत की गई है।
स्मरण रहे कि केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कंपनी कर (कॉर्पोरेट टैक्स) में कटौती का ऐलान किया। कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स घटाने के साथ ही कैपिटल गेन पर सरचार्ज भी खत्म कर दिया गया है। इसके अलावा कोई और टैक्स नहीं लगेगा।
इन घोषणाओं में कंपनियों के लिए आयकर की दर करीब 10 प्रतिशत घटाकर 25.17 प्रतिशत करना तथा नई विनिर्माण कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट कर की प्रभावी दर घटाकर 17.01 प्रतिशत करना शामिल है।
GST काउंसिल की गोवा में होने वाली बैठक के पहले वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यह ऐलान किया। सरकार के इस कदम से आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रहीं कई कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी। वित्तमंत्री ने कहा कि कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों पर भी लागू होगी। कंपनियों को अब बिना छूट के 22 फीसदी कॉर्पोरेट टैक्स देना होगा। सरचार्ज के साथ टैक्स की प्रभावी दर 25.17 फीसदी होगी।
सरकार ने ये कदम ऐसे समय उठाए हैं, जब चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 6 साल के निचले स्तर 5 प्रतिशत पर आ गई है। इन घोषणाओं से निवेश को प्रोत्साहन मिलने तथा रोजगार सृजन को गति मिलने की उम्मीद है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ये घोषणाएं करते हुए कहा कि इन बदलावों को आयकर अधिनियम के लिए एक अध्यादेश के जरिए अमल में लाया जाएगा।