700 ट्रेनों की गति बढ़ेगी, 48 गाड़ियां बनेंगी सुपरफास्ट
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने संरक्षा को रेलवे समय सारिणी से जोड़ते हुए नियमित ट्रैक अनुरक्षण के लिए स्थायी ब्लॉक देने के उद्देश्य से करीब 700 ट्रेनों की गति बढ़ाने और आवागमन के समय में समायोजन करने का फैसला किया है।
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने यहां रेल भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसे सुनिश्चित करने के लिए 1 साल के अंदर ट्रैक बदलने और अनुरक्षण के लिए ब्लॉक देने को प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए पैसे की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। अगर 5-10 हजार करोड़ रुपए ज्यादा लग जाएं और ट्रैक अपग्रेड हो पाए तो यह अच्छा ही होगा। इस मौके पर रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा तथा रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी एवं अन्य सदस्य भी मौजूद थे।
गोयल ने कहा कि रेलवे की समय सारणी को भी संरक्षा का ध्यान रखते हुए बदला जा रहा है। करीब 600 से 700 गाड़ियों की गति बढ़ाई जा रही है और करीब 48 गाड़ियों को मेल/ एक्सप्रेस गाड़ियों को सुपरफास्ट का दर्जा मिल जाएगा। इससे इन गाड़ियों की यात्रा अवधि में कमी आएगी और ट्रैक भी खाली उपलब्ध होगा।
गोयल ने कहा कि इसी तरह से गाड़ियों के आवागमन के समय को समायोजित किया जाएगा ताकि प्रतिदिन हर ट्रैक एक निश्चित समय के लिए अनुरक्षण कार्यों के लिए खाली रहे। इसके अलावा भी अगर कहीं ब्लॉक की जरूरत होती है तो मांग आने पर इसे मना नहीं किया जाएगा। इस प्रकार से गति एवं दक्षता दोनों प्रकार से फायदा होगा। इन्हीं समायोजन के लिए इस साल रेलवे की नई समय सारिणी 1 माह के विलंब से 1 नवंबर को लागू की जाएगी।
उन्होंने कहा कि रेलवे के कर्मचारियों के काम करने की दशाओं को सुधारने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। गैंगमैन के टूल किट के साथ उनके पेयजल एवं भोजन के लिए भी इंतजाम किया जाएगा। उनकी पदोन्नति पर भी ध्यान दिया जाएगा। ट्रैक की निगरानी के लिए अल्ट्रा सोनिक फ्लॉ डिटेक्शन सिस्टम मशीन खरीदी जाएंगी। आईसीएफ कोचों के निर्माण को पूरी तरह से बंद करके उन्हें एलबीएच कोच से बदला जाएगा और आधुनिक प्रकाश व्यवस्था के साथ रात में भी संरक्षा कार्य कराए जाएंगे।
रेलमंत्री ने कहा कि ट्रैक उन्नयन के साथ-साथ ट्रेन प्रोटेक्शन वॉर्निंग सिस्टम, मोबाइल ट्रेन रेडियो कम्युनिकेशन तथा अत्याधुनिक सिग्नल प्रणाली के माध्यम से रेल दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के अलावा हर प्रमुख रेलवे स्टेशन एवं ट्रेन में सीसीटीवी कैमरों की सहायता से सुरक्षा का पूरा प्रबंध किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रेल सुरक्षा बल के हर जवान और ट्रेन टिकट निरीक्षक (टीटीई) को हर हाल में वर्दी में रहना होगा।
यात्रियों की शिकायतों का उल्लेख करते हुए गोयल ने कहा कि खाने-पीने के हर सामान पर अधिकतम खुदरा मूल्य अवश्य लिखा जाएगा। मोबाइल ऐप के माध्यम से यात्रियों को जनता की शिकायतों के प्रति जवाबदेह बनाया जाएगा। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, मोबाइल तकनीक तथा रेलटेल के माध्यम से द्रुतगति वाली इंटरनेट सेवा के माध्यम से रेलवे की प्रत्येक संपत्ति की मैपिंग की जाएगी। (वार्ता)