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Written By Author सुरेश एस डुग्गर
Last Modified: श्रीनगर , गुरुवार, 11 जून 2015 (19:09 IST)

पाक घबराया, भारतीय सीमा में गोले दागे

पाक घबराया, भारतीय सीमा में गोले दागे - Pakistan,  LOC
श्रीनगर। म्यांमार में भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद पाक सेना घबराहट में है। उसकी घबराहट एलओसी और सीमा पार होने वली हलचल से स्पष्ट हो रही है। वह घबराहट में अब गोले भी बरसाने लगी है। हालांकि म्यांमार में पाई गई कामयाबी पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को शायद ठीक नहीं लग रही है जो इस पर सीना न ठोंकने की सलाह दे रहे हैं।
पाकिस्तान ने गुरुवार को एक बार फिर से एलओसी पर बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की, जिसके बाद भारतीय सैनिकों ने भी जवाबी कार्रवाई की। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल मनीष मेहता ने इस बारे में बताया कि पाकिस्तान ने बिना किसी उकसावे के एलओसी के पुंछ सेक्टर में गोलीबारी की। उन्होंने कहा कि पाक सेना ने सुबह 9.15 बजे से छोटे तथा भारी हथियारों से रुक-रुक कर गोलाबारी शुरू की। हमारे सैनिकों ने भी समान क्षमता के हथियारों से जवाब दिया।
 
अधिकारी ने बताया कि किसी के हताहत होने या किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है। गौरतलब है कि बीते दिनों भारतीय सेना द्वारा म्यांमार में संपन्न किए गए सैन्य अभियान को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है। केंद्र में मंत्री राज्यवर्धनसिंह राठौर ने आतंकी हमले करने पर पाकिस्तान में भी जाकर आतंकियों को मारने की बात कही थी, जिसके जवाब में पाकिस्तान ने अपना बचाव कर कहा कि पाकिस्तान एक परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र है और इस देश के पास एक परमाणु बम है। भारतीय सैनिकों द्वारा म्यांमार में की गई कार्रवाई से पाकिस्तान घबराया हुआ नजर आ रहा है। ऐसे में उसका यह हमला उसकी इस घबराहट का नतीजा भी हो सकता है।
 
दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने म्यांमार की सीमा में सैन्य अभियान को लेकर सरकार के बयान को ‘शानदार सेल्फ गोल’ करार दिया है। उन्होंने कहा है कि म्यांमार द्वारा उसकी सरजमीं पर इस अभियान को अंजाम दिए जाने की बात नकारने से इन बयानों का उल्टा असर पड़ा है। सीमा पार अपनी तरह के पहले अभियान के तहत सेना के विशेष बलों ने मंगलवार को म्यांमार के भीतर सुनियोजित हमला किया था, जिसमें कम से कम 38 उग्रवादी मारे गए थे।
 
उमर ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा कि वाह, क्या शानदार ‘सेल्फ गोल’ था। अगली बार आप अच्छा गुप्त अभियान चलाएं और उस अभियान को स्वयं अपनी कहानी बयां करने दें और सीने ठोकने का काम भी अभियानों पर छोड़ दें।
 
उन्होंने म्यांमार द्वारा अभियान के उसकी सीमा के भीतर अंजाम दिए जाने की बात से इनकार किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे बयानों का उल्टा असर पड़ा है। उन्होंने लिखा कि सीना ठोकने का यह असर हुआ कि म्यांमार को इस बात को खारिज करना पड़ा कि अभियान को उसकी जमीन पर अंजाम दिया गया था और इस तरह इसका उल्टा असर पड़ा है।