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Last Modified: बुधवार, 27 अप्रैल 2022 (00:24 IST)

108 पूर्व नौकरशाहों की PM मोदी को चिट्ठी, लिखा- नफरत की राजनीति को रोकिए

108 पूर्व नौकरशाहों की PM मोदी को चिट्ठी, लिखा- नफरत की राजनीति को रोकिए - over 100 former bureaucrats write to pm narendra modi on politics of hate in country
नई दिल्ली। 108 पूर्व नौकरशाहों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने प्रधानमंत्री  मोदी से देश में बढ़ती नफरत और कट्टरता की राजनीति पर चिंता जताई है और इसे रोकने के लिए कदम उठाने की अपील की है।
 
पूर्व नौकरशाहों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उम्मीद जताई कि वे 'नफरत की राजनीति' को समाप्त करने का आह्वान करेंगे और भाजपा के नियंत्रण वाली सरकारों में कथित तौर पर इस पर "कठोरता से" जोर दिया जा रहा है।
 
पूर्व नौकरशाहों ने एक खुले पत्र में कहा कि हम देश में नफरत से भरी तबाही का उन्माद देख रहे हैं, जहां बलि की वेदी पर न केवल मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्य हैं, बल्कि संविधान भी है। पत्र पर 108 लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं और इनमें दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह, पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लई और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रधान सचिव टीकेए नायर शामिल हैं।
 
पत्र में कहा गया है कि पूर्व लोकसेवकों के रूप में, हम आमतौर पर खुद को इतने तीखे शब्दों में व्यक्त नहीं करना चाहते हैं, लेकिन जिस तेज गति से हमारे पूर्वजों द्वारा तैयार संवैधानिक इमारत को नष्ट किया जा रहा है, वह हमें बोलने और अपना गुस्सा तथा पीड़ा व्यक्त करने के लिए मजबूर करता है।
नफरत और हिंसा की घटनाएं : पत्र में कहा गया है कि पिछले कुछ वर्षों और महीनों में कई राज्यों - असम, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अल्पसंख्यक समुदायों, खासकर मुसलमानों के प्रति नफरत व हिंसा में वृद्धि ने एक भयावह नया आयाम हासिल कर लिया है। पत्र में कहा गया है कि दिल्ली को छोड़कर इन राज्यों में भाजपा की सरकार है और दिल्ली में पुलिस पर केंद्र सरकार का नियंत्रण है।
 
इसमें कहा गया है कि हम सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के आपके वादे को दिल से लेते हुए आपकी अंतरात्मा से अपील करते हैं... यह हमारी उम्मीद है कि आजादी का अमृत महोत्सव के इस वर्ष में, पक्षपातपूर्ण विचारों से ऊपर उठकर, आप नफरत की राजनीति को खत्म करने का आह्वान करेंगे।
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