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Last Updated : शुक्रवार, 24 जनवरी 2020 (21:25 IST)

'मौनी अमावस्या' पर प्रयागराज में 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

Moni Amavasya | 'मौनी अमावस्या' पर प्रयागराज में 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
प्रयागराज। आस्था, विश्वास और संस्कृतियों के संगम में तीर्थराज प्रयाग के माघ मेला के तीसरे सबसे बड़े स्नान पर्व 'मौनी अमावस्या' पर शुक्रवार शाम 6 बजे तक 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पतित पावनी गंगा, श्यामल यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगाई।

मेला सूत्रों ने बताया कि संगम किनारे तड़के दूधिया रोशनी के बीच आधी रात के बाद से ही महिला, पुरुष, युवा, बच्चे और दिव्यांगों ने गंगा में खड़े होकर श्रद्धालु ओ नम: शिवाय, जय श्री राम, जय मां गंगे का उच्चारण के साथ पुण्य की डुबकी लगानी शुरू कर दी थी। शाम 6 बजे तक 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई।

उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं के स्नान का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। इस मौके पर सुरक्षा के लिए कड़े बन्दोबस्त किए गए हैं। पुलिस, पीएसी, आरएएफ और ड्रोन की निगरानी में पूरा मेला क्षेत्र है। चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है।

साधु-संत, कल्पवासी और श्रद्धालु पतित पावनी गंगा, श्यामल यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाते समय अपने ऊपर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा पाकर गदगद हो गए। माघ मेला में स्नान करने दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं, साधु-संतों और एक मास का कल्पवास करने वाले कल्पवासियों पर जब पुष्प वर्षा हुई तो वह एक बार तो अचंभित हुए लेकिन बाद में समझने के बाद उल्लास से भाव-विभोर हो गए।

कुछ समय के अंतराल के बाद श्रद्धालुओं पर गुलाब और गेंदे के फूल की पंखुड़ियों की वर्षा की गई। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने आशीष के साथ चिरंजीवी का आशीर्वाद भी दिया। आस्था की डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं का रेला से संगम क्षेत्र ठसाठस भर गया था।

कड़ाके की सर्द और शीत लहर पर श्रद्धालुओं की आस्था भारी पड़ रही है। न कोई आमंत्रण और न ही किसी तरह का निमंत्रण, श्रद्धा से भरपूर श्रद्धालुओं की भीड़ सिर पर गठरी और कंधे पर कमरी रखे प्रयागराज की सड़कों, रेलवे स्‍टेशनों, बस अड्डों से भीड़ मेला क्षेत्र की ओर खरामा-खरामा लगातार देर शाम तक बढ़ती चली आ रही थी।

आस्था की डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं में केवल भारतीय ही नहीं, बल्कि कुछ विदेशियों को भी संगम तीरे अध्यात्म का आनंद लेते देखा गया है। कुछ विदेशी त्रिवेणी मार्ग पर पहुंचकर सुरक्षा में लगे पुलिस और अन्य एजेंसियों के जवानों से संगम जाने के लिए 'लेट मी नो द वे ऑफ संगम', पूछते नजर आ रहे हैं।

सिर पर गठरी का बोझ रखे दीन-दुनिया से बेपहरवाह श्रद्धालुओं का लक्ष्य पतित पावनी गंगा, श्यामल यमुना और अदृश्य सरस्वती में परिवार और सगे-संबंधियों के लिए आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करना है। इलाहाबाद जंक्शन स्टेशन, सिटी स्टेशन, प्रयाग और प्रयाग घाट स्टेशनों से निकल रही भीड़ का रुख संगम ही है।

नैनी और छिवकी एवं झूंसी स्टेशन हो या सिविल लाइंस बस अड्डा अथवा नैनी और झूंसी में बनाए गए अस्थाई बस अड्डों पर भी आने-जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है। शहर से लेकर मेला के प्रवेश मार्गों तक और फिर मेला क्षेत्र के अंदर तक सिर पर गठरी ही गठरी ही दिखाई दे रही है।

माघ मेला में आस्था और अध्यात्म के साथ आधुनिकता का भी संगम देखने को मिला। भव्य और दिव्य कुंभ में काफी कुछ बदला है। नहीं बदली तो वह गठरी, जो मेले की रौनक है। श्रद्धालुओं का रेला त्रिवेणी में गोता लगाने के लिए 5 से 7 किलोमीटर की दूरी पैदल चलकर संगम पहुंच रहा है। चारों ओर आस्था का कारवां नजर आ रहा था।

जल पुलिस प्रभारी कड़े दीन यादव ने बताया कि मौनी अमावस्या का स्नान सकुशल बीत गया। कहीं किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। पुलिस और गोताखोर के जवान लगातार घाटों पर चौकन्ना होकर चक्रमण करते रहे।

मेले में स्नान के लिए 18 घाटों पर सुगम स्नान के प्रबंध किए गए हैं। सभी घाटों पर जल पुलिस के जवानों के साथ एनडीआरएफ और पुलिस के अलावा निजी गोताखोर की रेस्क्यू टीम तैनात है, जिससे किसी भी तरह की स्थिति से समय रहते निबटा जा सके।

वाराणसी में पवित्र गंगा में लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी : उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी में मौनी अमावस्या पर शुक्रवार को यहां लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाई और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर समेत अन्य मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना की।

ऐतिहासिक दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, असि घाट एवं राजेंद्र प्रसाद घाटों पर स्नान के लिए श्रद्धालु तड़के से ही आने लगे थे। उन्होंने स्नान के बाद सूर्यदेव की अर्चना की तथा गरीबों को दान देकर पुण्य कमाया। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर समेत अन्य मंदिरों में आम दिनों की अपेक्षा दर्शन-पूजन करने वालों की ज्यादा भीड़ दिखी।
 
कई स्थानीय पुलिस कर्मियों के अलावा सीआरपीएफ के जवान सुरक्षा निगरानी के साथ-साथ दशाश्वमेध घाट पर श्रद्धालुओं को गंगा को स्वच्छ बनाने की अपील करते दिखाई दिए।
   
पुलिस सूत्रों ने बताया कि श्रद्धालुओं की संभावित भीड़ के मद्देनजर शहर में यातायात एवं सुरक्षा के मुकम्मल इंतजाम किए गए थे। घाटों की ओर जाने वाले प्रमुख मार्गों पर यातायात व्यवस्था में आंशिक बदलाव एवं प्रमुख स्थानों पर एनडीआरएफ के जवान विशेष निगरानी के लिए तैनात किए गए थे। देर शाम तक यहां पर किसी अप्रिय घटना के समाचार नहीं मिले हैं।

मंदाकिनी में 5 लाख श्रद्धालुओं ने किया स्नान : मध्यप्रदेश के सतना जिले के चित्रकूट में आज मौनी अमावस्या के मौके पर पवित्र मंदाकिनी नदी में 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान कर भगवान कामतानाथ का पूजन किया।

चित्रकूट के अनुविभागीय अधिकारी वीरेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि मौनी अमावस्या पर चित्रकूट की मंदाकिनी नदी में 5 लाख से अधिक लोगों ने स्नान कर भगवान कामतानाथ के दर्शन कर कामदगिरी की परिक्रमा की।