पुलवामा हमले के बाद मोदी सरकार ने उठाए यह 4 बड़े कदम, लोगों को अब भी इस बात का इंतजार
नई दिल्ली। पुलवामा हमले के बाद मोदी सरकार एक्शन में नजर आ रही है। पाकिस्तान को हर मोर्चे पर बेनकाब करने का प्रयास किया जा रहा है। उस पर हर तरह से शिकंजा कसा जा रहा है। हालांकि CRPF के 40 जवानों की शहादत पर देशवासी शोक के साथ ही गुस्से से भरे हुए हैं। सभी चाहते हैं कि पाकिस्तान पर हमला कर वहां स्थित सभी आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया जाए। लोगों जानना चाहते हैं कि दुश्मन से बदला कब लिया जाएगा। आइए जानते हैं गुरुवार को पुलवामा में हुए कायराना हमले के बाद भारत सरकार ने क्या बड़े कदम उठाए हैं...
सुरक्षाबलों को पूरी छूट : मोदी सरकार ने पाकिस्तान को जवाब देने के लिए सुरक्षाबलों को पूरी छूठ दे दी है। सरकार ने सुरक्षाबलों से कहा है कि जवाबी कार्रवाई का समय और स्थान वह स्वयं ही तय करें। प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कहा कि शहीदों के खून की हर बूंद का बदला लिया जाएगा। आतंकियों को चून-चूनकर मारा जाएगा।
MFN का दर्जा खत्म : पुलवामा हमले के बाद भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस ले लिया था। इससे पड़ोसी देश से भारत आने वाले सामानों पर सीमा शुल्क बढ़ाने में मदद मिलेगी। भारत ने पाकिस्तान को 1996 में MFN का दर्जा दिया था। सरकार के इस कदम से आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान की हालत और खराब हो जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान बेनकाब : पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की मुहिम तेज करते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने चीन सहित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्यों तथा 20 अन्य देशों के राजदूतों से बातचीत की। गोखले ने इन सभी को पुलवामा आतंकवादी हमले में पाकिस्तान की भूमिका के बारे में बताया। गोखले ने उनसे स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान को उसकी धरती से काम करने वाले आतंकवादी समूहों को हर तरह का सहयोग और वित्तीय मदद तत्काल बंद करनी चाहिए। उन्होंने राजनयिकों को बताया कि पाकिस्तान आतंकवाद का इस्तेमाल उसकी राष्ट्रीय नीति के हथियार के तौर पर कर रहा है।
हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा वापस : पुलवामा में हुए आतंकि हमले के बाद गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा हटाने के निर्देश दे दिए हैं। कश्मीर में कई ऐसे अलगाववादी हुर्रियत नेता हैं जो भारत में रहकर भी भारत के खिलाफ जमकर दुष्प्रचार करते हैं। ये घाटी की युवाओं के दिमाग में जहर घोलते हैं। हैरानी की बात ये है कि इन अलगाववादियों को सरकार की ओर से ढेर सारी सुविधाएं दी जाती है। इस आदेश के जारी होते ही उनकी सारी सुविधाएं बंद हो जाएगी।