नई दिल्ली। Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव में भले ही डेढ़ साल से अधिक का समय बचा हो, लेकिन भाजपा ने अभी से अपनी तैयारियों और रणनीति को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। भाजपा ने उन 144 लोकसभा सीटों को जीतने की रणनीति बनाई जिन पर वह पिछले चुनाव में मामूली अंतर से चूक गई थी।
इसी कड़ी में मंगलवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष ने 144 लोकसभा सीटों पर पार्टी को और मजबूत करने की कवायद की केंद्रीय मंत्रियों के साथ समीक्षा की।
यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि यह ऐसे समय में हुई है जब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की बुधवार को भारत जोड़ो यात्रा आरंभ होने वाली है और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा विरोधी सभी दलों को एकजुट करने की कोशिशों में लगे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा नेताओं की बैठक में उन 144 लोकसभा सीटों को जीतने की रणनीति को लेकर चर्चा की गई जिन पर भाजपा पिछले चुनाव में मामूली अंतर से चूक गई थी। इनमें वे निर्वाचन क्षेत्र भी शामिल हैं, जहां 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा दूसरे या तीसरे स्थान पर रही थी या जिन पर उसने कभी जीत दर्ज की ही नहीं है। इन सीटों को समूहों में बांटा गया है और प्रत्येक समूह का प्रमुख एक केंद्रीय मंत्री को नियुक्त किया गया है।
भाजपा मुख्यालय में हुई इस बैठक में पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, नरेंद्र सिंह तोमर, स्मृति ईरानी, गिरिराज सिंह, अश्विनी वैष्णव, भूपेंद्र यादव, अनुराग ठाकुर, किरेन रीजीजू, जी किशन रेड्डी सहित कुछ अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने हिस्सा लिया।
सूत्रों के मुताबिक बैठक के दौरान इन मंत्रियों ने अपने प्रभार वाले निर्वाचन क्षेत्रों पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की। सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों ने लगभग सभी निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा किया है और चुनावी रूप से महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र की है।
सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों ने इन निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा की स्थिति का विश्लेषण करने के बाद 2024 के चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदमों की पहचान की और केंद्रीय नेतृत्व को इनसे अवगत कराया।
मंत्रियों के एक और समूह को पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तरप्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के इन निर्वाचन क्षेत्रों के भीतर सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करने तथा राजनीतिक स्थिति का आकलन करने के लिए भेजा गया था। उन्हें संभावित उम्मीदवारों की पहचान करने का भी काम सौंपा गया था।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने इन निर्वाचन क्षेत्रों पर एक विस्तृत खाका तैयार किया है, जिसमें धर्म, जाति, भौगोलिक क्षेत्र, मतदाताओं का झुकाव और इसके पीछे के कारणों की जानकारी शामिल है।
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 303 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कमजोर सीट को लेकर ऐसी ही रणनीति अपनाई थी और इसी का नतीजा था कि उसने 2014 में 280 सीट पर मिली जीत के मुकाबले 2019 में आंकड़ा 303 तक पहुंचा दिया था।