गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Manish Sisodia said, just talking will not make an economy of $ 5000 billion
Written By
Last Updated : गुरुवार, 9 सितम्बर 2021 (22:37 IST)

सिर्फ बात करने से नहीं बनेगी 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था : मनीष सिसोदिया

सिर्फ बात करने से नहीं बनेगी 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था : मनीष सिसोदिया - Manish Sisodia said, just talking will not make an economy of $ 5000 billion
नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि 'बिजनेस ब्लास्टर्स' कार्यक्रम के तहत दिल्ली सरकार के स्कूलों के 3.5 लाख छात्रों को प्रारंभिक राशि के तौर पर 2000 रुपए देकर, आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार भारत की अर्थव्यवस्था में निवेश कर रही है क्योंकि वह 'भविष्य के उद्यमियों' को तैयार कर रही है।

इस हफ्ते की शुरुआत में, अरविंद केजरीवाल सरकार ने 'बिजनेस ब्लास्टर्स' परियोजना शुरू की थी, जिसके तहत कक्षा नौवीं से 12वीं तक के छात्रों को प्रारंभिक राशि दी जाएगी और उन्हें इस रकम को छोटे व्यवसाय में निवेश करना होगा। कार्यक्रम को 'उद्यमिता मानसिकता पाठ्यक्रम' के तहत शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य स्कूल स्तर पर युवा उद्यमियों को तैयार करना है।

एक खास साक्षात्कार में सिसोदिया ने कहा कि वह कार्यक्रम को भारत की अर्थव्यवस्था में निवेश करने के तौर पर देखते हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमने इस परियोजना के लिए 60 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया था, तो हम जानते थे कि यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए प्रारंभिक धन है। उनके पास ही शिक्षा मंत्रालय का जिम्मा है। उन्होंने कहा कि लोगों के सिर्फ बात करने भर से भारत की अर्थव्यवस्था 5 हजार अरब डॉलर की नहीं बन जाएगी।

सिसोदिया ने कहा कि हम 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था कैसे बनेंगे? सिर्फ प्रधानमंत्री के ऐसा कहने से नहीं होगा। लंबे समय से हमें पढ़ाया जाता है कि भारत एक विकासशील देश है और अगर हम मूल मुद्दों का निदान नहीं करते हैं तो हमें आने वाली पीढ़ियों को भी यही पढ़ाना होगा।
 
उन्होंने कहा कि भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने का एकमात्र तरीका उद्यमशीलता की मानसिकता है और आम आदमी पार्टी की सरकार इस पर काम कर रही है।
 
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक छात्र के लिए 'बिजनेस ब्लास्टर्स' कार्यक्रम में भाग लेना अनिवार्य है। यह न केवल वाणिज्य या व्यावसायिक अध्ययन के छात्रों के लिए है बल्कि मानविकी और विज्ञान विषयों की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के लिए भी है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से आप सरकार बेरोजगारी की समस्या का समाधान करना चाहती है।
 
सिसोदिया ने दावा किया कि भारत में 25 करोड़ बेघर लोग और लाखों बेरोजगार सिविल इंजीनियर हैं। उपमुख्यमंत्री के मुताबिक, उद्यमी मानसिकता से इन सिविल इंजीनियरों की प्रतिभा का इस्तेमाल बेघरों को घर उपलब्ध कराने में किया जाएगा और एक तरह से देश की अर्थव्यवस्था में निवेश किया जाएगा।
 
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आपके पास 18 करोड़ लोग हैं जो रोजाना बिना भोजन के सोते हैं और फिर आपके पास खाद्य विज्ञान और कृषि विश्वविद्यालय के बेरोजगार युवा हैं। हमारे पास खेत की कमी नहीं है। केवल एक चीज की कमी है, वह है मानसिकता। हम उस अंतर को पाटने के लिए काम कर रहे हैं जिसकी अभी कमी है। प्रारंभिक धन के निवेश के सफलतापूर्वक वापस मिलने को लेकर उन्होंने कहा कि यह एक जोखिम है जिसे सरकार ने लिया है।
 
सिसोदिया ने कहा कि नई शिक्षा नीति जोखिम लेने की बात करती है और यहां तक कि नए जमाने की शिक्षा भी कहती है कि बच्चों में आत्मविश्वास होना चाहिए। एक शिक्षामंत्री के रूप में मैं जोखिम उठाने के लिए तैयार हूं। हम बच्चों को 2,000 रुपए की प्रारंभिक राशि दे रहे हैं और उन्हें इसे निवेश करने की आजादी दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर आपको मुनाफा नहीं होता है, तो आप विफलता से सीखेंगे और यदि आपको लाभ होता हैं, तो आप उद्यमिता सीखेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली के खिचड़ीपुर के एक सरकारी स्कूल में 41 बच्चों पर शुरू की गई प्रायोगिक परियोजना के दौरान कुछ बच्चों ने प्रारंभिक धन से से 650 रुपए का लाभ कमाया, जबकि दूसरे समूह ने 24,000 रुपए का मुनाफा हासिल किया।
उन्होंने कहा कि नुकसान होगा। किसी को 650 रुपए का तो किसी को 2500 रुपए का नुकसान होगा। शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है और वे छात्रों के प्रोजेक्ट की जांच करेंगे। सिसोदिया के मुताबिक, कुछ प्रोजेक्ट का चयन किया जाएगा और व्यावसायिक प्रशिक्षक छात्रों का मार्गदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि फिर, जिला और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी जो अगले साल फरवरी में त्यागराज स्टेडियम में एक कार्यक्रम में समाप्त होंगी जहां 100 प्रोजेक्ट को प्रदर्शित किया जाएगा।

योजना के अनुसार, निवेशकों को कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाएगा और छात्र अपने प्रोजेक्ट के लिए जरूरी निवेश के बारे में बात करेंगे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि भविष्य में, फेसबुक और ट्विटर जैसे विचार यहां से आएंगे।
ये भी पढ़ें
लाल चींटी की चटनी से ठीक होता है कोरोना, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला, कोर्ट ने दिया कुछ इस तरह जवाब