मुख्य बिंदु
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कई लोग अभी भी लापता
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भोजन और दवाओं का इंतजाम अभी भी चुनौती
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राष्ट्रपति ने राज्यपाल से की बात
मुंबई। महाराष्ट्र के पुणे और कोंकण संभाग में पिछले तीन दिन में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन के चलते मरने वाले लोगों की संख्या शनिवार को बढ़कर 112 पर पहुंच गई। मृतकों में सबसे अधिक रायगढ़ जिले के 52 लोग शामिल हैं।
राज्य में कम से कम 1,35,313 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है जिनमें पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली जिले के 78,111 और कोल्हापुर जिले के 40,882 लोग शामिल हैं। एक तरफ जहां बाढ़ से प्रभावित चिपलुन, खेड और महाड जैसे शहरों के लोग इस आपदा से उबरने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं, प्रशासन के समक्ष जल एवं बिजली आपूर्ति बहाली के साथ ही प्रभावित इलाकों के लोगों के लिए भोजन और दवाओं का प्रबंध करना चुनौती बना हुआ है।
पुलिस उप महानिरीक्षक (कोंकण) संजय मोहिते ने बताया कि रायगढ़ जिले के तलीये गांव में गुरुवार को हुए भूस्खलन स्थल से कम से कम 41 शव निकाले गए हैं जबकि कई लोग अभी भी लापता हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को कहा कि अगले 24 घंटे में पश्चिमी तट पर बारिश की तीव्रता कम होने के आसार हैं जिससे वर्षा से प्रभावित महाराष्ट्र और गोवा को राहत मिल सकती है। वहीं राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में बचाव अभियान को तेज करने के लिए अपनी टीम की संख्या 26 से बढ़ाकर 34 कर दी। ये इलाके भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हैं।
सतारा के जिलाधिकारी शेखर सिंह ने कहा कि पाटन तहसील के अंबेघर और ढोकावाले गांव में भूस्खलन स्थल से 13 लोगों के शव निकाले गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि 21 से 24 जुलाई के बीच रायगढ़ जिले में 52 लोगों की मौत हुई जबकि रत्नागिरी जिले में 21, सतारा में 13, ठाणे में 12, कोल्हापुर में सात, मुंबई में चार, सिंधुदुर्ग में दो और पुणे में एक व्यक्ति की मौत हुई। उन्होंने कहा कि बारिश संबंधी घटनाओं में कम से कम 53 लोग घायल हुए हैं।।
उधर, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से शनिवार को बात की और राज्य में बारिश एवं बाढ़ के कारण जान-माल के नुकसान पर चिंता जताई। राष्ट्रपति भवन ने कहा कि राज्यपाल ने लोगों की परेशानियां कम करने के लिए किए जा रहे बचाव एवं राहत के कार्यों से राष्ट्रपति को अवगत कराया।
इस बीच, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार पहले ही बाढ़ और भूस्खलन में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा कर चुकी है, जबकि केंद्र सरकार ने प्रत्येक को दो-दो लाख रुपये देने का ऐलान किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इन प्रभावित इलाकों में राशन 'किट' बांटने का फैसला किया है। उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र सरकार कर्नाटक सरकार के साथ समन्वय कर रही है ताकि (अलमट्टी बांध से) पानी छोड़कर (कोल्हापुर जिले में) लोगों को बाढ़ से राहत दिलाई जा सके।
वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि भूस्खलन की निरंतर बढ़ती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों को स्थाई रूप से स्थानांतरित करने और उन्हें बसाने की योजना बनाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के कुछ हिस्सों, विशेष रूप से पश्चिमी महाराष्ट्र क्षेत्र में जल के प्रबंधन के लिए एक विशेष नीति तैयार की जाएगी। इन इलाकों में मानसून के दौरान नदियों के जल स्तर में वृद्धि के कारण बाढ़ आती है।
ठाकरे ने कहा कि ऐसी घटनाओं (भूस्खलन) को देखते हुए पहाड़ी ढलानों और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को स्थानांतरित कर उन्हें अन्य स्थान पर स्थाई रूप से बसाया जाएगा। ऐसी जगहों से छोटी बस्तियों को स्थानांतरित करने की योजना बनाई जाएगी।
उधर, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से शनिवार को बात की और राज्य में बारिश एवं बाढ़ के कारण जान-माल के नुकसान पर चिंता जताई। राष्ट्रपति भवन ने कहा कि राज्यपाल ने लोगों की परेशानियां कम करने के लिए किए जा रहे बचाव एवं राहत के कार्यों से राष्ट्रपति को अवगत कराया।
जेईई के छात्रों को मौका : केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र में भारी बारिश, भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के जेईई-मुख्य परीक्षा के अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने का एक और मौका मिलेगा। प्रधान ने एक ट्वीट में कहा कि महाराष्ट्र में भारी बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर राज्य के विद्यार्थी समुदाय को राहत प्रदान करने के लिए मैंने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक को सलाह दी है कि वे उन सभी अभ्यर्थियों को एक और मौका दें, जो तीसरे सत्र में जेईई (मुख्य) परीक्षा में शामिल होने के लिए परीक्षा केंद्र पर पहुंचने में सक्षम नहीं हों।
उन्होंने ट्वीट किया कि कोल्हापुर, पालघर, रत्नागिरी, रायगढ़, सिंधुदुर्ग, सांगली, सातारा के वे विद्यार्थी जो 25 और 27 जुलाई को जेईई (मुख्य) परीक्षा-2021 के तीसरे सत्र में शामिल हो पाने में असमर्थ हैं, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। उन्हें दूसरा अवसर दिया जाएगा और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी इस संबंध में जल्द ही तारीख़ों की घोषणा करेगी।