ओम बिरला ने सांसदों से क्यों कहा, हमारे पीछे 20-20 लाख लोग हैं जो सदन को देखते हैं
Loksabha news in hindi : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लोकसभा में विपक्षी दलों के सांसदों द्वारा तख्तियां दिखाने और नारेबाजी करने पर अप्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि हमारे पीछे 20-20 लाख लोग हैं जो बड़ी अपेक्षाओं से सदन को देखते हैं। उन्हें उम्मीद रहती है कि सदन में हमारे मुद्दों, हमारी आकांक्षाओं, हमारी चिंता पर चर्चा होगी।
सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ, विपक्षी दलों के सदस्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और अन्य मुद्दों पर नारे लगाने लगे।
अध्यक्ष बिरला ने कहा कि मैंने हमेशा सदन में यह प्रयास किया है कि सदन चले और विशेष रूप से प्रश्नकाल के समय मेरा हमेशा यह प्रयास रहता है। प्रश्नकाल सदस्यों का समय रहता है और इसमें सरकार की जवाबदेही तय होती है।
उन्होंने कहा कि मैं पिछले कुछ दिन से देख रहा हूं कि सदन को नियोजित तरीके से बाधित किया जाता है। तख्तियां दिखाई जाती हैं, नारेबाजी की जाती है। विपक्ष को किसी विषय पर चर्चा करनी है तो वे आएं, सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करके गतिरोध को समाप्त किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हर मुददे पर सरकार से बात करके चर्चा का रास्ता निकाला जा सकता है। लेकिन हम केवल आते ही सदन के अंदर या सदन के बाहर तख्तियां दिखाएं, नारेबाजी करें, यह उचित नहीं।
बिरला ने कहा कि प्रश्नकाल के दौरान केवल उन्हीं सदस्यों को बोलने का अवसर दिया जाता है जिनका प्रश्न सूचीबद्ध है। यह अच्छी परिपाटी, परंपरा रही है। उन्होंने तख्तियां दिखाने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि लोकतंत्र में असहमति दर्ज कराने का अधिकार है लेकिन यह संसदीय लोकतंत्र की परंपरा और परिपाटी के अनुसार होना चाहिए। असहमति जताने का यह तरीका ठीक नहीं है।
edited by : Nrapendra Gupta