गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. लखीमपुर खीरी हिंसा
  4. Lakhimpur case : AAP leader Sanjay Singh letter to PM Modi
Written By अवनीश कुमार
Last Updated : बुधवार, 6 अक्टूबर 2021 (08:54 IST)

संजय सिंह का पीएम को पत्र, आइए उन बहनों के पास चलते हैं जिनके माथे का सिंदूर आपके अहंकारी मंत्री ने मिटाया...

संजय सिंह का पीएम को पत्र, आइए उन बहनों के पास चलते हैं जिनके माथे का सिंदूर आपके अहंकारी मंत्री ने मिटाया... - Lakhimpur case : AAP leader Sanjay Singh letter to PM Modi
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे हैं किसानों को मंत्री के बेटे की गाड़ी से कुचलने के बाद हुई हिंसा में 8 लोगों की जान चली गई। वही पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत करते हुए कार्यवाही भी शुरू कर दी है। इस मामले में यूपी की राजनीति गर्मा गई है।
 
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा को पुलिस ने हिरासत के बाद गिरफ्तारी दिखाते हुए पीएसी गेस्ट अस्थाई जेल में रखा हुआ है तो वह आम आदमी पार्टी के संजय सिंह के साथ-साथ अन्य कई वरिष्ठ नेताओं को पुलिस ने हिरासत के बाद उनकी गिरफ्तारी दिखा दी है। इस बीच आप नेता संजय सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर लखीमपुर जाकर किसानों के परिवार से मिलने की मांग की है।
 
संजय सिंह ने पत्र में लिखते हुए योगी सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहां है कि प्रधानमंत्री जी यूपी ही नही पूरा देश शोक और सदमें में डूबा है, आप महोत्सव कैसे मना सकते है? आइए उन बहनों के पास चलते हैं जिनके माथे का सिंदूर आपके अहंकारी मंत्री ने मिटाया है।
 
संजय ने पत्र में लिखा कि हत्यारे खुलेआम घूम रहे है और आप उत्सव मना रहे हैं ये कैसा न्याय है? मैं आपसे हाथ जोड़कर यह आग्रह करूंगा कि आप शोक और दुख की इस महान घड़ी में सभी दलों के नेताओं के साथ उन किसान परिवारों के पास लखीमपुर खीरी चलें जिनके परिजनों की आप के मंत्री की गाड़ी के नीचे निर्मम ता पूर्वक रौंदकर अकारण हत्या की गई।
 
पत्र में आप नेता ने लिखा कि उन परिवारों के बीच बैठकर आप पश्चाताप करें माफी मांगे अपने इस मंत्री को तत्काल बर्खास्त करें दोषियों को गिरफ्तार करें और मंत्रिपरिषद का मुखिया होने के नाते खुद इस घटना की जिम्मेदारी लें। सच्चे मन से किए हुए पश्चाताप से व्यक्ति के सारे पाप धुल जाते हैं। इससे आपकी आत्मा पर अपराध बोध का बोझ कम होगा।