भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा देश के 12 राज्यों में दूसरे चरण का SIR यानि मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान इन दिनों चलाया जा रहा है। मध्यप्रदेश भी उन 12 राज्यों की सूची में शामिल है जहां पर SIR का काम बूथ लेवल पर चलाया जा रहा है। SIR को लेकर आम आदमी के मन में कई तरह के सवाल आ रहे है। लोग सोच रहे हैं कि अचानक घर-घर फॉर्म बाँटने, जानकारी लेने और बार-बार सत्यापन करने की ज़रूरत क्यों पड़ गई है। आम वोटर की सबसे बड़ी चिंता यह है कि कहीं उसका नाम मतदाता सूची से हट न जाए, खासकर तब जब BLO दस्तावेज़ नहीं ले रहा।
बहुत से लोग इस उलझन में भी है कि बिना दस्तावेज़ दिए उनकी पहचान कैसे सुनिश्चित होगी और क्यों नए फॉर्म, नई फोटो और नई घोषणाएँ माँगी जा रही हैं। कुल मिलाकर आम आदमी के मन में SIR को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे है। 'वेबदुनिया' के इस खबर में जाने SIR को लेकर आपके हर सवाल का जवाब?
SIR की प्रक्रिया क्यों?-भारत जैसे बड़ी जनसँख्या वाले और विविधता से परिपूर्ण राष्ट्र में जहाँ प्रत्येक नागरिक का मत ही लोकतंत्र का मूल आधार है,इस मत का सही महत्व तब ही हो सकता है, जब मतदाता सूची अपडेट हो। इसी कारण भारत निर्वाचन आयोग समय-समय पर विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision- SIR) कराता है, जिससे प्रत्येक नागरिक की वास्तविक उपस्थिति सूची में सुनिश्चित की जा सके। 1951 से 2004 तक 8 बार एसआईआर किया जा चुका है। मध्यप्रदेश में आखिरी बार SIR एक जनवरी 2003 को किया गया था।
SIR का उद्देश्य क्या है?- मध्यप्रदेश में SIR की प्रक्रिया के तहत बीएलओ 4 नवम्बर 2025 से 4 दिसम्बर 2025 तक सभी विधानसभा क्षेत्रों में घर-घर जाकर मतदाता सूची का सत्यापन करेंगे। बीएलओ मतदाताओं के घर पर जाकर उनके नाम, पता, आयु एवं अन्य विवरणों का भौतिक सत्यापन करेंगे। यदि किसी परिवार सदस्य का निधन हो गया हो या वह कहीं और ट्रांसफर हो गया हो, तो उसकी जानकारी भी बीएलओ को दें जिससे मतदाता सूची से उसका नाम हटाया जाएगा।
SIR का उद्देश्य है वोटर लिस्ट का का घर-घर जाकर वास्तविक भौतिक नामांकन करना। इसके अंतर्गत बूथ स्तर अधिकारी यानि बीएलओ बूथ के प्रत्येक घर पहुँचकर मतदाता की वास्तविकता, पते, पहचान, निवास और पात्रता की पुष्टि करते हैं। यह प्रक्रिया सामान्य संक्षिप्त पुनरीक्षण से कहीं अधिक व्यापक और सघन होती है, क्योंकि इसमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि कोई भी पात्र नागरिक सूची से बाहर न रहे और कोई अपात्र व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में शामिल न हो।
क्या BLO को देना है कोई दस्तावेज?- इस SIR की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि BLO घर-घर भ्रमण के दौरान किसी भी मतदाता से कोई भी दस्तावेज़ एकत्र नहीं करेगा। बिहार में हुए SIR और वर्तमान में 12 राज्यों में चल रहे SIR के बीच सबसे बड़ा और मूल अंतर यही है। दस्तावेज़ केवल तभी माँगे जाएंगे जब प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित हो जाए और ERO किसी विवरण की पुष्टि हेतु औपचारिक नोटिस जारी करें।
BLO द्वारा पहले से प्रिंट फॉर्म प्रत्येक मतदाता को दिया जाता है, जिसमें मतदाता का नाम, ईपिक EPIC नंबर, पता, मतदान केंद्र, विधानसभा क्षेत्र तथा फोटो जैसी जानकारी पहले से मुद्रित रहती है। मतदाता को यह जानकारी जाँचकर, आवश्यक संशोधन सहित BLO को लौटा देना होता है। ऑनलाइन फॉर्म भरने की सुविधा भी उपलब्ध है और ऐसे फॉर्म BLO के मोबाइल ऐप पर स्वतः प्राप्त हो जाते हैं, जिनका सत्यापन घर-घर भ्रमण के दौरान किया जाता है।
दस्तावेजों की जरूरत कब?- SIR में नागरिकता और जन्म/निवास की पुष्टि के लिए दस्तावेज़ों की एक विस्तृत, परंतु संकेतात्मक सूची भी निर्धारित की गई है। इसमें जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, शिक्षा प्रमाण पत्र, सरकारी पहचान पत्र, जाति प्रमाण, परिवार रजिस्टर, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, जमीन/मकान आवंटन प्रमाण पत्र, NRC (जहाँ लागू) तथा सरकारी संस्थानों द्वारा 01 जुलाई 1987 से पहले जारी पहचान पत्र सम्मिलित हैं। यह प्रावधान विशेष रूप से उन मतदाताओं पर लागू होता है जो पहले SIR की मतदाता सूची से संबद्ध नहीं पाए जाते या जिनकी जानकारी आयोग के रिकॉर्ड से मेल नहीं खाती।
वोटर लिस्ट में नाम कैसे जुड़वाएं?- अगर किसी व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में नहीं है तो जब BLO आपके घर पहुंचे तो बीएलओ से Form-6 और Declaration Form लेकर भरें। प्रत्येक बीएलओ को अपने साथ यह दोनों फॉर्म रखना आवश्यक है, ताकि यदि कोई नया मतदाता जुड़ना चाहे या कोई व्यक्ति राज्य के बाहर से स्थानांतरण पर आया हो, तो उसे तत्काल फॉर्म उपलब्ध कराया जा सके। Form-6 के साथ घोषणा-पत्र (Declaration) देना अनिवार्य है, जिसमें यह स्पष्ट किया जाता है कि आवेदक ने किसी भी अन्य देश की नागरिकता प्राप्त नहीं की है और उसका नाम किसी अन्य विधानसभा क्षेत्र या संसदीय क्षेत्र में दर्ज नहीं है।
कब तब चलेगी पूरी प्रक्रिया?- 4 नवंबर से SIR की प्रक्रिया के दौरान बीएलओ 04 दिसंबर 2025 तक प्रत्येक मतदाता से संपर्क के लिए कम से कम तीन बार जाएगा। यदि कोई मतदाता उपलब्ध नहीं होता, तो BLO पड़ोसियों से तथ्य संग्रह कर उसे Absent, Shifted, Death या Duplicate श्रेणी में चिह्नित कर सकता है। जिन मतदाताओं के फॉर्म वापस नहीं आते, उनकी सूची पंचायत भवन, शहरी निकाय, ब्लॉक कार्यालय तथा CEO वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित की जाएगी, ताकि कोई भी नागरिक अपने या अपने परिवार से संबंधित स्थिति की पुष्टि कर सके।
घर-घर सत्यापन के बाद 9 दिसम्बर 2025 को प्रारूप (Draft) मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। नागरिक 9 दिसम्बर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक अपने नाम संबंधी दावा या आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 7 फरवरी 2026 को किया जाएगा।