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Last Modified: बुधवार, 4 जनवरी 2023 (22:29 IST)

Delhi Kanjhawala Case : अंजलि के पेट में नहीं मिला शराब का अंश, फॉरेंसिक रिपोर्ट में हुआ दर्दनाक खुलासा

Delhi Kanjhawala Case : अंजलि के पेट में नहीं मिला शराब का अंश, फॉरेंसिक रिपोर्ट में हुआ दर्दनाक खुलासा - Kanjhawala case post mortem forensic report
नई दिल्ली। दिल्ली में एक कार से टक्कर के बाद 12 किलोमीटर तक घसीटे जाने की वजह से जान गंवाने वाली युवती के पारिवारिक डॉक्टर ने उसकी सहेली के इस दावे को खारिज कर दिया कि उसने घटना वाली रात बहुत शराब पी रखी थी। चिकित्सक ने कहा कि युवती के पोस्टमार्टम में उसके पेट में शराब का अंश नहीं मिला।
 
पीड़ित युवती की सहेली उसकी स्कूटी पर पीछे बैठी थी। सहेली ने मीडिया को बताया था कि अंजलि शराब के नशे में थी और उसने उस रात दोपहिया वाहन चलाने पर जोर दिया था।
 
अंजलि की स्कूटी को नववर्ष वाली रात को एक कार ने टक्कर मार दी थी और दुर्घटना के बाद वह कार में फंसकर 12 किलोमीटर तक घिसटती गई थी। उसका शव बाहरी दिल्ली के कंझावला में मिला था।
 
कथित तौर पर कार में सवार 5 लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पांचों आरोपियों को सोमवार को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
 
भूपेश ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, पेट के अंदर खाना था। यदि उसने शराब पी रखी होती, तो रिपोर्ट में एक रसायन की मौजूदगी का जिक्र होता। हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि (पेट के अंदर) केवल भोजन का पता चला है।
 
भूपेश ने कहा कि यह सामान्य हत्या नहीं थी। चिकित्सक ने कहा कि किसी हत्या को तब क्रूर माना जाता है जब पीड़ित को मौत से पहले क्रूरता से प्रताड़ित किया जाता है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, उसे 40 चोटें आई थीं।
 
पीड़ित की सहेली ने पहले कहा था कि युवती को अपनी कार से घसीटने के आरोपी पांच व्यक्तियों ने जानबूझकर उसे मार डाला क्योंकि वे यह जानने के बावजूद गाड़ी चलाते रहे कि वह वाहन के नीचे फंसी हुई है।
 
अंजलि की सहेली ने उस भयावह रात को याद करते हुए ने कहा कि वे नए साल की पूर्व संध्या पर एक होटल में कुछ दोस्तों से मिलने गए थे और आरोप लगाया है कि पार्टी के बाद 'नशे में' होने के बावजूद अंजलि स्कूटी चलाना चाहती थी। पुलिस को अंजलि की सहेली का पता सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद चला था।
 
अन्य चश्मदीद गवाहों के विपरीत, अंजलि की सहेली ने दावा किया कि उस कार में कोई संगीत नहीं चल रहा था जिसने उन्हें टक्कर मारी और दावा किया कि चालक को पता था कि अंजलि पहियों के नीचे घिसट रही है।
 
दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) प्रमुख स्वाति मालीवाल ने पीड़िता को बदनाम करने के प्रति आगाह किया और सहेली के दावों की जांच की मांग की।
 
पीड़िता की सहेली ने कहा कि टक्कर के बाद, अंजलि कार के नीचे फंस गई और उसे वाहन द्वारा घसीटा गया, जिसमें सवार लोगों ने एक बार भी कार की गति धीमी करने या युवती को बचाने की कोशिश नहीं की।
 
अंजलि की सहेली ने कहा कि उसने दुर्घटना के बारे में किसी को नहीं बताया क्योंकि वह डरी हुई थी और उसे डर था कि इसके लिए उसे ही दोषी ठहराया जाएगा।
 
फॉरेंसिंक रिपोर्ट में क्या आया सामने : फॉरेंसिक रिपोर्ट में सामने आया कि अंजलि अगले बाएं पहिए के नीचे फंस गई थी और गाड़ी के नीचे के हिस्सों पर खून के धब्बे पाए गए हैं।
 
पुलिस उपायुक्त (बाहरी) हरेंद्र कुमार सिंह के साथ रोहिणी में फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के चार सदस्यों की एक टीम ने बुधवार को दुर्घटना में शामिल वाहन की फिर से जांच की और अपराध स्थल का पुनर्चित्रण किया।
 
सूत्रों ने शुरुआती रिपोर्ट के हवाले से बताया कि कार द्वारा महिला की स्कूटी को टक्कर मारे जाने के बाद पीड़िता (कार के) अगले बाएं पहिये के नीचे फंस गई।  
 
कथित तौर पर कार में सवार पांच लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पांचों आरोपियों को सोमवार को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
 
सूत्रों ने कहा कि शुरुआती जांच के मुताबिक, ऐसा कोई संकेत नहीं है कि महिलाएं कार के अंदर मौजूद थीं। खून के धब्बे भी कार के नीचे के हिस्सों पर पाए गए हैं।’’
 
उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक लैब द्वारा मामले के संबंध में दिल्ली पुलिस को तीन रिपोर्ट सौंपे जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सौंपी जाने वाली तीन रिपोर्ट में से पहली रिपोर्ट दुर्घटनास्थल से लिए गए रक्त के नमूनों से संबंधित है, दूसरी रिपोर्ट पांच आरोपियों से लिए गए रक्त के नमूनों से संबंधित है और तीसरी अपराध स्थल के पुनर्चित्रण पर आधारित है।
 
एफएसएल में अपराध स्थल प्रबंधन प्रभाग के प्रमुख संजीव गुप्ता ने कहा कि हमारा चार सदस्यीय दल जांच के हिस्से के रूप में बुधवार को सुल्तानपुरी पुलिस थाने में दुर्घटना से संबंधित वाहन की फिर से जांच करने गया था।
 
अधिकारी ने कहा कि यह पता लगाने के लिए मंगलवार को पांचों आरोपियों के रक्त के नमूने लिए गए थे कि क्या उसमें अल्कोहल के अंश हैं।
 
एफएसएल निदेशक दीपा वर्मा ने कहा कि मामले को प्राथमिकता के तौर पर लिया गया है और हम जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपेंगे। एजेंसियां
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