CAA : जबलपुर में प्रदर्शन के दौरान बवाल, पुलिस पर पथराव, लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले छोड़े
जबलपुर (मध्यप्रदेश)। संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के समर्थन व विरोध में हो रहे प्रदर्शन के बीच रविवार को जबलपुर शहर के आनंद नगर बस स्टॉप के पास अचानक गलियों से कुछ अज्ञात लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े।
जबलपुर के कलेक्टर भरत यादव ने बताया कि शहर के गाजी बाग गोहलपुर मैदान में कुछ महिलाएं अपने बच्चों के साथ धरने पर बैठी हुई हैं। धरना प्रदर्शन की उन्हें 25 जनवरी तक अनुमति थी। यह धरना प्रदर्शन सीएए के विरोध में किया जा रहा था।
उन्होंने कहा कि आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर अधारताल से तिरंगा रैली निकालने की अनुमति जिला प्रशासन द्वारा दी गई थी। तिरंगा रैली की अनुमति सिर्फ रद्दी चौकी तक थी। रैली को रुकने के लिए रद्दी चौकी में बैरिकेड लगाए थे और सुरक्षा की दृष्टि से पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था।
उन्होंने बताया कि दोपहर लगभग 2 बजे रद्दी चौकी के बाद रैली के सदस्य आगे बढ़ने लगे, जिन्हें रोक कर कहा गया कि अनुमति यहीं तक ही मिली है।
यादव ने कहा कि उनकी तरफ से तर्क दिया गया कि महिलाएं व बच्चे बिना अनुमति धरने पर बैठे हैं, जिसके कारण यातायात बाधित होता है और ध्वनि विस्तारक यंत्रों के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया गया तो वे वापस लौटने लगे। उन्होंने कहा कि तभी गलियों से पथराव शुरू हो गया और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा ।
यादव ने बताया कि स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि यातायात तथा बच्चों की परीक्षाओं को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा आगे धरना व रैली की अनुमति नहीं दी जाएगी। लोकतांत्रिक तरीके से ज्ञापन सौंपने की अनुमति प्रदान की जाएगी। यादव ने कहा कि पथराव करने वाले कौन लोग थे, इसकी जांच की जा रही है और उनके खिलाफ विधि अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
जबलपुर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) भगवतसिंह चौहान ने बताया कि घटना की रिकॉर्डिंग से आरोपियों को चिन्हित किया जाएगा। सुरक्षा की दृष्टि से क्षेत्र में पुलिस बल तैनात है। फिलहाल स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित में है और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी लगातार क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं। उपद्रव करने वालों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए जाएंगे। (भाषा) (Photo courtesy: Twitter)