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  4. International tiger and wildlife smuggler Yangchen Lachungpa on the run for 10 years
Last Updated : शनिवार, 6 दिसंबर 2025 (17:41 IST)

195 देशों की टीमें जिसे खोज रही थी, MP टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने पकड़ा, कौन है इंटरनेशनल टाइगर तस्‍कर यांगचेन लाचुंगपा?

इंटरनेशनल टाइगर और वन्‍य जीव तस्‍कर 10 साल से थी फरार

Yangchen Lachungpa
एमपी की स्पेशल टाइगर फोर्स फोर्स (STSF) और वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (WCCB) की एक जॉइंट टीम ने इंटरनेशनल बाघ तस्कर यांगचेन लाचुंगपा को गिरफ्तार किया है। यह इंडिया-चाइन बॉर्डर के पास छुपी हुई थी। वो पिछले 10 साल से फरार चल रही थी।

उसकी गिरफ्तारी को लेकर दुनिया के 195 देशों ने अलर्ट जारी किया था। अब मप्र की जांच टीमों को इसे लेकर कामयाबी मिली है। बता दें कि बाघ समेत वन्य पशुओं के अंगों की तस्करी करने वाली यांगचेन लाचुंगपा को सिक्किम में इंडिया-चीन इंटरनेशनल बॉर्डर पर पकड़ा गया। उसे पकड़ने के लिए जांच टीम ने कई महीनों तक उसके मूवमेंट पर नजर रखे हुई थी।

एसटीएसएफ के मुताबिक यांगचेन लाचुंगपा बाघों के अंगों, पैंगोलिन के शल्क, लाल चंदन और शातोश ऊन जैसे वन्यजीवों की तस्करी में शामिल रही है। वह वन्य जीव तस्करी से जुड़े अंतरराष्ट्रीय गिरोह का हिस्सा है।

यांगचेन के लिए 195 देशों ने जारी किया था अलर्ट : यांगचेन को पकड़ने के लिए इंटरपोल ने 195 देशों में अलर्ट जारी किया था। यांगचेन लाचुंगपा मूल रूप से तिब्बत की रहने वाली है। उसने दिल्ली और सिक्किम के दूरदराज इलाकों में भी ठिकाने बना रखे थे। वह गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपनी जगह बदलती रहती थी। उसका पति जयय तामंग भी कुख्यात तस्कर रहा है। जयय ने वन्य जीव के अंगों की तस्करी के लिए भारत से नेपाल, तिब्बत और चीन तक सेफ रूट बनाया था।

तस्‍करी : एमपी से लेकर चीन तक : यह पूरा मामला जुलाई 2015 में शुरू हुआ था, जब मध्य प्रदेश में बाघों और पैंगोलिन के शिकार और उनके अंगों की चीन में तस्करी का मामला दर्ज किया गया था। इस गंभीर मामले की जांच STSF को सौंपी गई थी, जिसने एक अंतरराष्ट्रीय तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया। अब तक इस मामले में 31 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं और 2022 में नर्मदापुरम की एक अदालत ने 27 को दोषी ठहराया था। यांगचेन इस गिरोह की एक महत्वपूर्ण कड़ी मानी जा रही थी।

2017 में भी हुई थी गिरफ्तार : बता दें कि अधिकारियों के मुताबिक यांगचेन को पहली बार सितंबर 2017 में गिरफ्तार किया गया था और ट्रांजिट रिमांड के लिए पेश किया गया था। लेकिन, अंतरिम जमानत मिलने के बाद वह कथित तौर पर फरार हो गई थी। 2019 में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर ने उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। वह लगभग एक दशक से पुलिस को चकमा दे रही थी।

कौन है इंटरनेशनल तस्कर यांगचेन : बता दें कि उसका नाम कई अंतरराष्ट्रीय जब्तियों से जुड़ा हुआ है। अप्रैल 2015 में, इथियोपियाई अधिकारियों ने आठ भारतीय बाघों की खालें जब्त की थीं, जिनमें से कम से कम तीन सतपुड़ा से बताई जा रही थीं। 2013 में, नेपाल पुलिस ने नुवाकोट जिले में पांच बाघों की खालें और सात बोरियां हड्डियां जब्त की थीं, जिन्हें कथित तौर पर तिब्बत ले जाया जा रहा था। वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) द्वारा की गई डीएनए जांच में पुष्टि हुई थी कि एक खाल पेंच टाइगर रिजर्व की बाघिन टी-13 की थी। अधिकारियों का कहना है कि ये जब्तियां मध्य प्रदेश के बाघों वाले इलाकों से नेपाल और तिब्बत तक, और यहां तक कि अफ्रीकी देशों के ज़रिए भी तस्करी के रास्तों की ओर इशारा करती हैं। 2 दिसंबर को गिरफ्तारी के बाद यांगचेन को गंगटोक की एक अदालत में पेश किया गया, जहां मध्य प्रदेश के अधिकारियों ने अपना पक्ष रखा और 3 दिसंबर की रात को ट्रांजिट वारंट जारी किया गया। अब उसे आगे की कार्यवाही के लिए मध्य प्रदेश लाया जा रहा है।
Edited By: Navin Rangiyal
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