भारत की पहली स्वदेशी मशीन पिस्टल ASMI, 100 मीटर की रेंज तक लगा सकती है निशाना
भारत की पहली स्वदेशी मशीन पिस्टल एएसएमआई आज सेना के नवाचार प्रदर्शन कार्यक्रम में दिखाई है। यह पिस्टल पूरी तरह से भारत निर्मित है।
महू के इन्फ्रेंट्री स्कूल के लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद बंसोड़ ने एआरडीई, पुणे की सहायता से भारत की पहली स्वदेशी 9 मिमी मशीन पिस्टल 'एएसएमआई' का निर्माण 4 महीने के रिकॉर्ड समय में किया है। वे इन-सर्विस 9 एमएम गोली फायर करती है।
इसमें 8 इंच बैरल और 33 राउंड उच्च क्षमता वाली मैगजीन है, जिसमें 2 किलोग्राम से कम वजन है। ASMI को केंद्रीय पुलिस संगठनों और राज्य पुलिस सेवाओं के उपयोग के साथ-साथ निर्यात भी किया जा सकता है जिससे भारी रोजगार मिलने की संभावना है।
एक गन की उत्पादन लागत 50,000 रुपए से थोड़ी कम है। ये पिस्टल गन रक्षा बलों में नौ एमएम वाली पिस्टल की जगह लेगी। इस मशीन पिस्टल को 100 मीटर की रेंज में फायर की जा सकती है और यह इजराइल की उजी गन को टक्कर देगी। इस मशीन पिस्टल ने अपने विकास के अंतिम चार महीनों में 300 से ज्यादा राउंड फायर किए हैं।
यह पिस्टल पूरी तरह से भारत निर्मित है और इसे रक्षा शोध और विकास संगठन (DRDO) की ओर से विकसित किया गया है। इस पिस्टल गन को बनाने में भारतीय सेना ने भी मदद की है। ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही इसे भारतीय सेना को इस्तेमाल करने के लिए दिया जाएगा।