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Last Updated : सोमवार, 25 अप्रैल 2022 (23:49 IST)

Hanuman chalisa row : हनुमान चालीसा विवाद पर बोले CM उद्धव ठाकरे- घर आकर पढ़िए, दादागीरी तोड़ना हमें आता है

Hanuman chalisa row : हनुमान चालीसा विवाद पर बोले CM उद्धव ठाकरे- घर आकर पढ़िए, दादागीरी तोड़ना हमें आता है - Hanuman chalisa row cm uddhav thackeray statement
मुंबई। हनुमान चालीसा विवाद पर चुप्पी तोड़ते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कहा कि उनके घर पर हनुमान चालीसा पढ़ने में कोई समस्या नहीं है लेकिन ‘दादागीरी’ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
 
शिवसेना अध्यक्ष ठाकरे ने भाजपा का नाम लिये बगैर उस पर निशाना साधा और दावा किया कि उन्हें हिंदुत्व सिखाने वाले उस वक्त ‘चूहे के बिल’ में छिपे थे जब बाबरी मस्जिद गिराई गई थी। उन्होंने कहा कि अगर आप मेरे घर पर ‘हनुमान चालीसा’ पढ़ना चाहते हैं, आइए। लेकिन सही तरीके से आइए।
 
ठाकरे ने यहां बेस्ट मुख्यालय में ‘नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड’ (एनसीएमसी) की शुरुआत के मौके पर कहा, ‘‘लेकिन अगर आप दादागीरी से आना चाहते हैं तो बालासाहेब ने हमें सिखाया था कि दादागीरी को कैसे खत्म करते हैं।’’
 
उन्होंने भगवान हनुमान का संदर्भ देते हुए कहा कि शिवसेना का हिंदुत्व ‘गदाधारी’ है, जबकि विरोधियों का हिंदुत्व ‘घंटाधारी’ है। अमरावती से सांसद नवनीत राणा और उनके पति विधायक रवि राणा को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने ठाकरे के मुंबई स्थित निजी आवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने की बात कही थी। इससे शिवसैनिक नाराज हो गये थे।
 
बाद में राणा दंपती ने अपने आह्वान को वापस ले लिया था और एक कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुंबई प्रवास का हवाला दिया था। इससे पहले आज दिन में भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि अगर हनुमान चालीसा पढ़ना राजद्रोह है तो ‘हम सभी यह अपराध करने के लिए तैयार हैं।’ ठाकरे ने परोक्ष निशाना साधते हुए हिंदुत्व के प्रति भाजपा के योगदान पर सवाल खड़ा किया।
 
उन्होंने कहा कि मुझे हिन्दुत्व सिखाने वालों को खुद से हिन्दुत्व के प्रति योगदान के बारे में पूछना चाहिए। जब बाबरी (मस्जिद) गिराई गई थी तो आप चूहे के बिल में छिप रहे थे।
 
ठाकरे ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का फैसला आपकी (भाजपा की) सरकार ने नहीं बल्कि उच्चतम न्यायालय ने लिया।