रविवार, 22 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Hamida Salim
Written By
Last Updated :नई दिल्ली , सोमवार, 17 अगस्त 2015 (10:47 IST)

उर्दू लेखिका हमीदा सालिम का निधन

उर्दू लेखिका हमीदा सालिम का निधन - Hamida Salim
नई दिल्ली। उर्दू की नामचीन लेखिका हमीदा सालिम का आज निधन हो गया। वह 93 साल की थीं। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि हमीदा ने यहां जामिया नगर में अपने आवास पर दिन में करीब साढ़े तीन बजे अंतिम सांस ली। वह पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रही थीं। सोमवार को यहां उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।
 
उनके परिवार में पति अबू सालिम, बेटी डॉक्टर सुंबुल वारसी और बेटे इरफान सालिम हैं। उनके पति अबू सालिम संयुक्त राष्ट्र में कार्यरत थे। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) से पहली महिला स्नातकोत्तर हमीदा ने कई किताबें लिखीं। इनमें ‘शौरिस-ए-दौरां’, ‘हम साथ थे’, ‘परछाइयों के उजाले’ और ‘हरदम रवां जिंदगी’ प्रमुख हैं। उन्होंने एएमयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया तथा कुछ दूसरे प्रमुख संस्थानों में अध्यापन भी किया।
 
हमीदा मशहूर शायर मजाज लखनवी (असरार-उल-हक मजाज) और उर्दू साहित्याकार सफियां जां निसार अख्तर की बहन और गीतकार जावेद अख्तर की मौसी थीं।
 
वह उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में रूदौली गांव के एक जमींदार परिवार में साल 1922 में पैदा हुईं। हमीदा ने लखनऊ के आईटी कॉलेज से बीए और एएमयू से स्नातकोत्तर की पढ़ाई की। बाद में उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की।
 
अपने भाई मजाज के निधन के बाद हमीदा ने पहली बार कलम उठाई और ‘जग्गन भैया’ नाम से बेहतरीन लेख लिखा। मजाज को परिवार में प्यार में जग्गन के नाम से पुकारा जाता था क्योंकि रात में वह देर से सोते थे। इस लेख को मजाज के बारे में लिखे गए सबसे शानदार लेखों में से एक माना जाता है। (भाषा)