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Last Modified: बुधवार, 24 नवंबर 2021 (22:14 IST)

जल्द सरेंडर कर सकते हैं परमबीर सिंह! मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने कहा- अभी चंडीगढ़ में हूं

जल्द सरेंडर कर सकते हैं परमबीर सिंह! मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने कहा- अभी चंडीगढ़ में हूं - former mumbai police commissioner parambir singh says i am in chandigarh will join investigation
मुंबई। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने बुधवार को कहा कि वे चंडीगढ़ में हैं और जल्द ही मुंबई आएंगे। सिंह को मुंबई की एक अदालत ने ' भगोड़ा ' घोषित किया है। महाराष्ट्र में जबरन वसूली के कई मामलों का सामना कर रहे आईपीएस अधिकारी ने समाचार चैनलों को बताया कि वे चंडीगढ़ में हैं।
 
पत्रकार ने जब सिंह से पूछा कि क्या वे (पुलिस या अदालत के समक्ष) आत्मसमर्पण करेंगे तो उन्होंने कहा कि उन्होंने अगले कदम को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। सिंह बुधवार शाम सोशल मीडिया ऐप 'टेलीग्राम' पर सामने आए, लेकिन बाद में उन्होंने अपना अकाउंट डिलीट कर दिया।
 
मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से स्थानांतरण और महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद सिंह इस साल मई से काम पर नहीं आए हैं।

परमबीर से मिलते से मिलते थे निर्देश : मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वाजे ने बुधवार को महाराष्ट्र के एक जांच आयोग को बताया कि उन्हें उन मामलों में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह से ‘उचित माध्यम’ से निर्देश मिलते थे, जिन्हें वे देख रहे थे।
 
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहे आयोग के समक्ष वाजे से जिरह हो रही है। इस साल मार्च में, महाराष्ट्र सरकार ने देशमुख (71) के खिलाफ सिंह के आरोपों की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति कैलाश उत्तमचंद चांदीवाल का एक सदस्यीय आयोग गठित किया था।
 
बुधवार को, तत्कालीन गृहमंत्री देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांदे की ओर से पेश वकील शेखर जगताप ने वाजे से जिरह की। अतिरिक्त कलेक्टर रैंक के अधिकारी पलांदे वर्तमान में देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित मनी लांड्रिंग मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।
 
सिंह ने फरवरी के मध्य में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में और उसके बाद दावा किया कि देशमुख ने वाजे को अपने आधिकारिक आवास पर बुलाया था। सिंह ने कहा था कि उस समय तत्कालीन गृह मंत्री के निजी सचिव (पलांदे) सहित एक या दो कर्मचारी भी मौजूद थे।
 
यह पूछे जाने पर कि क्या वह पलांदे को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं, वाजे ने ‘नहीं’ में जवाब दिया और कहा कि वह उन्हें केवल देशमुख के सहयोगी के रूप में जानते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या पलांदे ने कभी कोई मांग की या उन्हें पैसे से संबंधित कुछ भी बताया, वाजे ने ‘नहीं’ में जवाब दिया। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में वाजे ने आयोग को बताया कि व्यक्तिगत रूप से वह केवल एक मामले की जांच कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लेकिन एक इकाई प्रभारी के रूप में मैं कई मामलों की निगरानी कर रहा था।
 
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें सिंह से उस मामले के बारे में कोई निर्देश मिल रहा था जिसकी वह निगरानी कर रहे थे, वाजे ने कहा कि उन्हें उन मामलों के संबंध में निर्देश वरिष्ठ अधिकारियों से उचित माध्यम से मिलते थे जिनमें तत्कालीन पुलिस आयुक्त (सिंह) भी शामिल थे।
 
इस साल मार्च में मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटाये जाने और होमगार्ड में स्थानांतरित किये जाने के कुछ दिन बाद, सिंह ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में दावा किया था कि देशमुख पुलिस अधिकारियों से महानगर में रेस्तरां और बार मालिकों से पैसे एकत्रित करने के लिए कहते थे।
 
देशमुख ने इस साल अप्रैल में राज्य के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। राकांपा नेता बार-बार अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार कर चुके हैं। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार और धनशोधन से जुड़े आरोपों की अलग-अलग जांच कर रहे हैं। पूर्व मंत्री कथित धनशोधन से जुड़े मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।
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