ईवीएम हैकिंग : माकपा और राकांपा ने स्वीकार की चुनौती, कौन जीतेगा जंग...
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ईवीएम मशीन को हैक करने की चुनौती आज सुबह शुरू हुई। इसमें भाग लेने की चुनौती केवल दो दलों ने स्वीकार की है। अब सबकी नजरें इस बात पर लगी हुई है कि क्या यह दोनों दल इलेक्ट्रॉनिक मशीनें हैक कर पाएंगे।
यह आयोजन आज सुबह यहां दस बजे से शुरू हुआ और दोपहर बाद दो बजे तक चलेगा जिसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव के 12 विधानसभा क्षेत्रों से चुनी गई 14 ईवीएम मशीनें सील करके यहां लाई गईं हैं। इस आयोजन में राकांपा और माकपा के लिए दो अलग-अलग काउंटर बनाए जाएंगे। इन दलों ने कहा है कि उनके तीन-तीन प्रतिनिधि इस आयोजन में भाग लेंगे।
इस आयोजन में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और राकांपा ने भाग लेने का फैसला किया है जबकि आम आदमी पार्टी ने इस आयोजन में भाग न लेने का फैसला किया है बल्कि उसने इस आयोजन के समानान्तर अपनी पार्टी की ओर से आज ही हैकाथलन आयोजित करने की घोषणा की है जिसमें वह ईवीएम मशीनों को हैक करने का एक बार फिर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन करेगी।
इस आयोजन में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भाग नहीं ले रही है क्योंकि उसका कहना है कि आयोग ने इतनी शर्तें रखीं हैं कि इस आयोजन में भाग नहीं लिया जा सकता।
आयोग ने 25 मई को राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त पत्रों का अध्ययन करने के बाद कहा था कि उसे आठ दलों का पत्र प्राप्त हुआ है। राकांपा और माकपा ने ईवीएम हैक करने की उसकी चुनौती को स्वीकार किया है लेकिन माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने पत्रकारों के सामने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी ने ईवीएम को हैक करने की चुनौती नहीं स्वीकार की है बल्कि ईवीएम से मतदान करने की प्रणाली को और चुस्त -दुरूस्त एवं पारदर्शी बनाने की मांग को लेकर कल के आयोजन में हिस्सा लेगी।
पार्टी का कहना है कि भविष्य में होने वाले सभी चुनावों में वीवीपैट का इस्तेमाल अवश्य किया जाए ताकि मतदान की पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके और धांधली को रोका जा सके।
आयोग को आठ दलों के पत्र मिले थे जिनमें से कांग्रेस और आप ने इसकी शर्तें में ढिलाई की मांग की थी और कांग्रेस, भाजपा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल ने यह आयोजन देखने की इच्छा जताई थी जबकि राष्ट्रीय जनता दल का पत्र देर से मिला था।