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Last Modified: सोमवार, 21 अक्टूबर 2024 (09:57 IST)

राहुल-अखिलेश की दोस्ती में दरार, UP में उपचुनाव से कांग्रेस बनाएगी दूरी,बुधनी से सपा ने उतारा उम्मीदवार

राहुल-अखिलेश की दोस्ती में दरार, UP में उपचुनाव से कांग्रेस बनाएगी दूरी,बुधनी से सपा ने उतारा उम्मीदवार - Differences between Congress and Samajwadi Party regarding seats in by-elections
जम्मू कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को झटका लगने के बाद अब उसका अपना सहयोगियों के साथ दूरियां बढ़ती जा रही है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर जहां महाविकास अघाड़ी के सीट शेयरिंग का फॉर्मूला अभी तक क्लियर नहीं हुआ है, वहीं उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में हो रहे उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में दूरियां आ गई है।

मध्यप्रदेश की बुधनी विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस की ओर से राजकुमार पटेल की उम्मीदवारी का एलान होते ही समाजवादी पार्टी ने अर्जुन आर्य को उम्मीदवारों का एलान कर दिया है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने खजुराहो लोकसभा सीट गठबंधन के तहत सपा को दी थी। वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने उपचुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है, हलांकि अभी इसका आधिकारिक एलान नहीं हुआ है।

लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में एक साथ 9 सीटों पर हो रहे उपचुनाव 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल मुकाबले के तौर पर देखे जा रहे है। लोकसभा चुनाव में जिस सपा और कांग्रेस के गठबंधन को सूबे में सत्तारूढ़ दल भाजपा को चारो खाने चित्त कर दिया था उसमें अब बड़ी दरार देखने को मिल रही है।

उपचुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर राहुल और अखिलेश की जोड़ी टूटती हुई दिखाई दे रही है। सीटों के बंटवारे को लेकर मतभेद इस कदर बढ़ गए है कि अब कांग्रेस ने उपचुनाव लड़ने से ही इंकार कर दिया है। हलांकि अभी कांग्रेस की तरफ से इसका आधिकारिक एलान नहीं किया गया है। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार सीटों के बंटवारे में सपा के रवैये से आहत ने कांग्रेस ने उपचुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।

कांग्रेस समाजवादी पार्टी द्वारा उम्मीदवारों के एकतरफा ऐलान से भी कांग्रेस नाराज है। हरियाणा चुनाव परिणाम के अगले ही दिन सपा ने 6 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया था। इसके बाद कांग्रेस के यूपी प्रभारी अविनाश पांडेय ने भी कहा था कि यह एकतरफा ऐलान है और इस पर हमसे चर्चा नहीं की गई

उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस के प्रदेश ईकाई ने 5 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा केंद्रीय नेतृत्व के सामने दिखाई थी, कांग्रेस सपा की हारी हुई सीट पर चुनाव लड़ना चाहती थी। कांग्रेस मीरापुर सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में थी लेकिन समाजवादी पार्टी  के मुखिया अखिलेश यादव सिर्फ गाजियाबाद और खैर विधानसभा सीट ही कांग्रेस को देने को तैयार है। इसके बाद अब कांग्रेस ने यूपी में उपचुनाव न लड़ने का फैसला लिया है।

दरअसल उपचुनाव नहीं लड़ने का फैसला कर कांग्रेस एक तीर से कई सियासी निशाने साधने  की कोशिश में है। कांग्रेस ने इस फैसले के जरिये सपा को सियासी संदेश देने की कोशिश है कि वो गठबंधन पर एकतरफा तौर पर अखिलेश यादव के फैसलों का समर्थन नहीं करती। वहीं उपचुनाव नहीं लड़ने और सपा को समर्थन देने का फैसला कर कांग्रेस ने गठबंधन तोड़ने के दाग से भी खुद को बचा लिया. दूसरी ओर अगर उपचुनाव में विपक्ष हारता है तो उसकी जिम्मेदारी भी अपने सिर पर लेने से भी वो बच गई।

यूपी में 9 सीटों पर हो रहे उपचुनाव-उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों करहल, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर पर उपचुनाव हो रहे है। इन सभी सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होगा। वहीं मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर चुनाव आयोग ने तारीखों का एलान नहीं किया है। सपा ने अब तक मिल्कीपुर समेत कुल 7 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस के लिए अलीगढ़ की खैर और गाजियाबाद सदर सीट का ऑफर दिया गया था।
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