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Last Updated :इंदौर/भोपाल , सोमवार, 1 दिसंबर 2025 (22:14 IST)

गीता का प्रत्येक अध्याय ज्ञान, विज्ञान, दर्शन, योग और कर्तव्य की भावना से परिपूर्ण : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

Geeta Jayanti
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव और गीता जयंती के पावन अवसर पर एक बड़ी सौगात देते हुए मध्यप्रदेश में शासकीय क्षेत्र के पहले अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त नये गीता भवन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस तरह के गीता भवन प्रदेश के सभी नगर निगम, नगर पालिकाओं और नगर पंचायत स्तर पर भी बनाये जाएंगे।

इंदौर का लोकार्पित यह नया गीता भवन परंपरा एवं आधुनिकता का अनूठा संगम है। राज्य शासन द्वारा धार्मिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन एवं इससे जुड़े विभिन्न आयामों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से गीता भवन परियोजना के अंतर्गत ऐतिहासिक गोपाल मंदिर परिसर को आधुनिक गीता भवन के रूप में विकसित कर प्रदेश को समर्पित किया गया है। इस योजना के तहत स्मार्ट सिटी द्वारा इस नये गीता भवन में विकसित विविध आधुनिक सुविधाएँ नागरिकों के लिए उपलब्ध कराई गई हैं।
 
 कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मालवा की गौरवशाली विरासत, कृष्ण भक्ति और गीता का संदेश मध्यप्रदेश की दिशा तय करते हैं। उन्होंने कहा कि मालवा क्षेत्र कृष्ण लीलाओं से अछूता नहीं है। कृष्ण भगवान ने मालवा के उज्जैन में शिक्षा ग्रहण की। उन्होंने कहा कि मालवा की अहिल्या बाई होलकर ने देश में अनेक धर्म स्थलों का जीर्णोद्धार कराया और सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा की। उन्होंने कहा कि गीता संघर्ष में आत्मबल और जीवन में मार्गदर्शन देती है। गीता का प्रत्येक अध्याय ज्ञान, विज्ञान, दर्शन, योग और कर्तव्य की भावना से परिपूर्ण है। भगवान श्रीकृष्ण ने अपने विराट स्वरूप के माध्यम से मानव को भय से मुक्त कर कर्तव्य के प्रति जागरूक किया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में आज गीता जयंती के अवसर पर अनेक रिकार्ड कायम किये गये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गीता जयंती के अवसर पर आयोजित प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि विजेताओं का नगद के साथ ही ई-रिक्शा, ई-बाईक, लैपटॉप आदि प्रदान किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से संघठन, साहस, धर्म की रक्षा और अन्याय के प्रतिकार का संदेश मिलता है। उन्होंने कहा कि गीता जीवन के हर चरण में मार्गदर्शक है। गीता से भक्ति मार्ग, ज्ञान मार्ग और कर्म मार्ग से मोक्ष प्राप्ति का रास्ता भी दिखायी देता है। गीता संकट में बल देती है, संघर्ष में आत्मबल, उलझन में सारथी और अंधकार में अटल साथी बनती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है ‍कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्मार्ट सिटी परियोजना प्रारंभ की है। इस परियोजना से विरासत का संरक्षण करते हुए हम विकास की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
 
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम के दौरान राज्य शासन के संस्कृति विभाग के अंतर्गत वीर भारत न्यास द्वारा प्रकाशित तथा रामेश्‍वर लखनलाल पाटीदार द्वारा ‍लिखित श्रीकृष्ण चरित मानस और राघवदास पंडितदास द्वारा लिखित अमृतस्य अवंतिका का विमोचन भी किया। उन्होंने श्रीकृष्ण चरित मानस के लेखक रामेश्वर लखनलाल पाटीदार को पाँच लाख रूपये ‍दिये जाने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम के पश्चात  संजीव मालवीय द्वारा निर्देशित कृष्ण लीलाओं पर आधारित नृत्य नाटिका को भी देखा। 
 
इस अवसर पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि इंदौर के लिये आज गौरव का दिन है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर को गोपाल मंदिर की सौगात दी है।  उन्होंने कहा कि गीता ने ‍सिखाया है कि अगर हम सभी अपने-अपने धर्म एवं कर्तव्यों का पालन करेंगे तो अधिकारों का संरक्षण स्वत: होगा। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में मध्यप्रदेश में नया सांस्कृतिक प्रवाह देखने को मिल रहा है। राज्य सरकार मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नेतृत्व में विरासत से विकास की ओर तेजी से बढ़ रही है।  
 
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गोपाल मंदिर में किया पूजन-अर्चन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम के पूर्व ऐतिहासिक गोपाल मंदिर में पूजन-अर्चन किया। उन्होंने प्रदेश की खुशहाली और समृद्धि के लिए कामना की। उन्होंने गोपाल मंदिर में हुए विकास कार्यों विशेषकर अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त लाइब्रेरी और प्रदर्शनी विथिका का अवलोकन भी किया।
 
अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त सभागृह
 इंदौर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत राजवाड़ा स्थित गोपाल मंदिर में नया गीता भवन बनाया गया है। इस गीता भवन की विशेषता यह है कि यहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों, प्रवचनों और शैक्षणिक आयोजनों हेतु अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त 550 सीट का एक खूबसूरत सभागृह भी बनाया गया है। 
 
लाइब्रेरी 
सकारात्मक एवं आध्यात्मिक वातावरण से युक्त 50-सीटर रीडिंग हॉल तथा आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की गई है। लाइब्रेरी में अध्यात्म, दर्शन, योग, ध्यान, भारतीय संस्कृति, माइंडफुलनेस तथा जीवन-प्रबंधन से संबंधित लगभग 1200 पुस्तकों का समृद्ध संग्रह उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त, डिजिटल आर्काइव के माध्यम से अनेक ई-बुक्स, ऑडियो-वीडियो व्याख्यान, ऑनलाइन कोर्स तथा अन्य डिजिटल संसाधनों तक सरलतापूर्वक पहुँच सुनिश्चित की गई है। लाइब्रेरी की आंतरिक सज्जा को प्राकृतिक रंगों, आध्यात्मिक कलाकृतियों, इनडोर पौधों तथा सौम्य प्रकाश व्यवस्था के माध्यम से इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि उपयोगकर्ताओं को शांत, प्रेरणादायी तथा एकाग्रता-उन्मुख वातावरण प्राप्त हो सके।
 
प्रदर्शनी कक्ष 
मंदिर परिसर के पुनर्विकसित भागों में प्रदर्शनी कक्ष विकसित किए गए हैं, जिससे यह स्थल धार्मिक विरासत के संरक्षण के साथ-साथ कला एवं संस्कृति को एक साथ बढ़ावा देते हुए जनता के लिए एक समावेशी सांस्कृतिक अवसंरचना भी प्रदान करेगा।
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