नैनीताल। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को चीन और पाकिस्तान दोनों पर एक साथ निशाना साधते हुए कहा कि कोई भी देश यदि भारत की तरफ आंख उठाकर देखेगा तो उसे मुंहतोड़ जवाब भी मिलेगा।
चीन सीमा से सटे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से सिंह ने शुक्रवार को अपने दुश्मनों को साफ-साफ दो संदेश दिए। उन्होंने कहा कि छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं। भीतर तक मारेंगे और भारत व नेपाल मित्र राष्ट्र हैं और दोनों की मित्रता के बीच में कोई दूरी पैदा नहीं कर सकता है।
सिंह पिथौरागढ़ के मूनाकोट के जौलखेत में शनिवार को शहीद सम्मान यात्रा के दूसरे चरण में शामिल हुए और यात्रा को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने यहां पूर्व सैनिकों के साथ ही एक जनसभा को भी संबोधित किया।
उन्होंने इस मौके पर चीन व पाकिस्तान दोनों पर एक साथ निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत ने सर्जिकल व एयर स्ट्राइक से स्पष्ट संदेश दे दिया है कि छेड़ोगे तो हम छोड़ेंगे नहीं और दुश्मन की सीमा के अंदर जाकर मारेंगे।
उन्होंने चीन सीमा से भी उसे उसी की भाषा में संदेश दिया और कहा कि भारत की संस्कृति और परंपरा रही है कि वह अपने पड़ोसियों के साथ सौहार्दपूर्ण वातावरण तथा अच्छे रिश्ते बनाना चाहता है। भारत न किसी देश पर आक्रमण करता है और न ही किसी की जमीन को कब्जाने का इरादा रखता है, लेकिन कोई भी देश यदि भारत की तरफ आंख उठाकर देखेगा तो उसे मुंहतोड़ जवाब भी मिलेगा।
उन्होंने कहा कि यह नया भारत है और किसी को मुगालते में नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार ने कारगिल युद्ध से इसकी शुरुआत की थी और मोदी जी की सरकार उसे आगे बढ़ा रही है।
उन्होंने इस मौके पर सैनिकों की बहादुरी को भी सलाम किया और रिजांगला में कुमाऊं की 13 बटालियन के शौर्य व पराक्रम को याद किया। उन्होंने कहा कि भारत के मात्र 114 सैनिकों ने दुश्मन के सैकड़ों सैनिकों के दांत खट्टे कर दिए थे। उन्होंने कहा कि शहीद मेजर शैतान सिंह व सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर आरबी जट्टार की बहादुरी पर हमें गर्व है।
उन्होंने चीन को यह भी संदेश दिया कि नेपाल भारत का अभिन्न मित्र है और नेपाल के साथ सांस्कृतिक रिश्तों के साथ रोटी-बेटी के रिश्ते हैं। नेपाल और भारत की दोस्ती में कोई दरार पैदा नहीं कर सकता है। किसी को भी इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाल ही में नेपाल के सेना प्रमुख जनरल प्रभुराम शर्मा को भारत सरकार की ओर से जनरल ऑफ इंडियन आर्मी के सम्मान से नवाजा गया है।
रक्षा मंत्री ने धामी सरकार व खासकर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी की तारीफ करते हुए कहा कि उत्तराखंड का पांचवां सैन्य धाम ऐतिहासिक होना चाहिए। इसके निर्माण के नाम पर औपचारिता नहीं निभाई जानी चाहिए। इसे तकनीकी तौर पर आधुनिक तरीके से विकसित किया जाए। इसे डिजिटल स्वरूप दिया जाए। सभी शहीदों के नाम, पते के साथ गांव का भी उल्लेख यहां होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने रिजांगला में भी शहीदों के सम्मान में भव्य स्मारक बनाया है। उन्होंने सैनिकों के परिजनों से रिजांगला में मौजूद स्मारक के दर्शन करने का आह्वान किया।
उन्होंने उत्तराखंड की भूमि को वीरों की भूमि बताते हुए कहा कि पिथौरागढ़ भी वीरों के इतिहास से भरा पड़ा हुआ है। उन्होंने इस मौके पर शहीदों के परिजनों व वीरांगनाओं को को सम्मानित कर शहीदों की स्मृति को नमन किया।
केन्द्रीय मंत्री ने इस मौके पर केन्द्र सरकार के ऐतिहासिक कार्यों को भी गिनाया और कहा कि वन रैंक वन पेंशन के साथ ही उनकी सरकार ने सैनिकों को रिवाइज पेंशन, रैंक का उपयोग करने की छूट देने के साथ ही पेंशन रेगुलेशन एक्ट संशोधित करने के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने पूर्व सैनिकों को भी भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार उनके साथ खड़ी है और उनकी आगे जो भी समस्याएं होंगी उनका भी समाधान किया जाएगा।
उन्होंने इस मौके पर केन्द्र सरकार की प्राथमिकता गिनाते हुए कहा कि केन्द्र सरकार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में मिशन मोड में काम कर रही है। वर्ष 2024 के अंत तक सभी को छत, सभी को इलाज व हर घर में नल और जल उपलब्ध कराना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। देश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जाएगा।
रक्षामंत्री ने कार्यक्रम के अंत में शहीद सम्मान यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने इससे पहले कारगिल शहीद हवलदार कुंदन सिंह खड़ायत की मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धाजंलि अर्पित की।