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Last Updated :भोपाल , मंगलवार, 2 दिसंबर 2025 (23:18 IST)

MP : विधानसभा में मोहन कैबिनेट की अहम बैठक, विभागों की समीक्षा के साथ मंत्रियों को बताई कार्ययोजना

Chief Minister Mohan Yadav
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र र्में सुविधाओं का निरंतर विस्तार हो रहा है। विद्यार्थियों को प्रोत्साहन के लिए विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। प्रदेश में विगत 2 वर्षों में ड्रॉप आउट रेट 21.4 प्रतिशत से घटकर मात्र 16.8 प्रतिशत रह गया है। इसे और भी कम करने की दिशा में कार्य किया जाए। प्रोत्साहन योजनाओं का अधिक से अधिक विद्यार्थियों को लाभ दिलवाया जाए। विगत 2 वर्ष में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के अनुसार हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी द्वितीय परीक्षा आयोजित कर समय सीमा में परिणाम घोषित किए गए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति में व्यवसायिक शिक्षा देने की दिशा में प्रयास बढ़ाए जाएं।
 
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार को विधानसभा समिति कक्ष में स्कूल शिक्षा विभाग की गतिविधियों की जानकारी ली और कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देश दिए कि अच्छे परीक्षा परिणाम लाने वाले विद्यालयों के प्राचार्यों को भी प्रोत्साहित किया जाए।
 
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्कूल शिक्षा विभाग की गतिविधियों की जानकारी ली और कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने "भवन एक कक्षाएं अनेक" की तर्ज पर एक विद्यालय भवन में शेष खाली समय में महाविद्यालय की कक्षाएं संचालित करने की व्यवस्था प्रारंभ करने पर विचार कर कार्रवाई करने को कहा।
 
बैठक में मुख्य रूप से पाठ्य पुस्तकों के नि:शुल्क प्रदाय, स्कूटी वितरण और साइकिल वितरण योजना के क्रियान्वयन पर चर्चा हुई। बैठक में बताया गया कि बालिका शिक्षा एवं छात्रावास का लाभ विद्यार्थियों को दिया जा रहा है। सेनिटेशन और हाइजिन किट का वितरण 19 लाख बालिकाओं को प्रति बालिका 300 रुपए के मान से डीबीटी द्वारा किया गया है। छात्रावासों में वाशिंग मशीन, रोटी मेकर, मैट्रेस जैसी सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाभियान योजना में 210 छात्रावास स्वीकृत हुए हैं। शालाओं के सुदृढ़ीकरण का कार्य भी सुनिश्चित किया गया है। सांदीपनि और पीएम श्री विद्यालयों का लाभ विद्यार्थियों को मिल रहा है। परीक्षा परीणामों में सुधार के प्रयासों को सफलता मिल रही है। वर्ष 2024-25 के प्रथम परीक्षा परिणामों में कक्षा दसवीं 74 प्रतिशत और कक्षा 12वीं 76 प्रतिशत से अधिक परिणाम मिले हैं। प्रथम और द्वितीय परीक्षा में क्रमश: औसत 87 और 82 प्रतिशत परिणाम रहा है। इसी तरह शासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण विद्यार्थियों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज हुई है।
 
2 वर्ष में 7.31 लाख हैक्टयर क्षेत्र में नई सिंचाई क्षमता विकसित 
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में गत दो वर्ष में 7.31 लाख हैक्टयर क्षेत्र में नई सिंचाई क्षमता विकसित हुई है। प्रदेश की सिंचाई क्षमता में वर्ष 2026 तक 8.44 लाख हैक्टयर की वृद्धि होगी। प्रदेश में सिंचाई क्षेत्र 100 लाख हैक्टेयर तक ले जाने का लक्ष्य लेकर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश की सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा प्रधानमंत्री गतिशक्ति पोर्टल का प्रयोग कर की जाएगी।
 
मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को विधानसभा समिति कक्ष में जल संसाधन विभाग और नर्मदा घाटी विकास विभाग की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पार्वती-काली-सिंध और चम्बल अंतर्राज्यीय लिंक परियोजना, केन-बेतवा अंतर्राज्यीय लिंक परियोजना की स्वीकृति और केंद्र सरकार के सहयोग को राज्य की महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए राज्य में भी विभिन्न नदियों को जोड़ने के लिए नदी जोड़ो परियोजना के क्रियान्वयन के निर्देश दिए।
 
बैठक में जल संसाधन विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि इस दिशा में राज्य में अध्ययन और सर्वेक्षण का कार्य किया गया है। राज्य में नदी जोड़ो परियोजना अंतर्गत उज्जैन जिले में कान्ह-गंभीर, मंदसौर, नीमच और उज्जैन में कालीसिंध-चंबल, सतना जिले में केन और मंदाकिनी, सिवनी एवं छिंदवाड़ा जिले में शक्कर पेंच और दूधी तामिया, रायसेन जिले में जामनेर नेवन और नेवन-बीना नदियों का सर्वेक्षण किया गया है। इस सभी के क्रियान्वयन से कुल 5 लाख 97 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जा सकेगी। इनकी अनुमानित लागत 9870 करोड़ रुपए होगी। सात जिलों के हजारों किसान इन योजनाओं से लाभान्वित होंगे।
 
राज्य की नदियों में बाढ़, जल प्रबंधन, जल के समुचित उपयोग नदी कछारों में पर्याप्त जल की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने के उद्देश्य से राज्य की नदियों को आपस में जोड़ने के लिए तकनीकी दल का गठन 13 नवम्बर 2024 को किया गया था ।
 
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भोपाल की झील की प्राचीन तकनीक का अध्ययन कर इस तर्ज पर कम लागत में सुरक्षित जलाशय एवं बांध निर्माण की अवधारणा पर कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भोपाल के इस मॉडल का प्रदर्शन करने के निर्देश भी विभाग को दिए।
 
मुख्यमंत्री डॉ. यादव को जानकारी दी गई कि राज्य में जल संसाधन और नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा सिंचाई सुविधाओं के विस्तार का कार्य निरंतर किया जा रहा है।
 
बैठक में बताया गया कि सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना उज्जैन जिसकी लागत 614.53 करोड़ रुपए है। इसकी भौतिक प्रगति 48 प्रतिशत है। इसी तरह कान्ह डायवर्सन क्लोज डक्ट परियोजना उज्जैन की लागत 919.94 करोड़ है। इस परियोजना की भौतिक प्रगति 42 प्रतिशत है। सिंहस्थ: 2028 में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाट निर्माण एवं संबद्ध कार्य किए जा रहे हैं, जिनकी लागत 778.91 करोड़ है।  बैठक में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, मुख्य सचिव अनुराग जैन और संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
 
मल्हारगढ़ थाने को देश के श्रेष्ठ थानों की रैंकिंग में 9वां स्थान प्राप्त होने पर दी बधाई  
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रिपरिषद की बैठक से पहले अपने संबोधन में रायपुर (छत्तीसगढ़) में हुई पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कॉन्फ्रेंस में मंदसौर जिले के मल्हारगढ़ थाने को देश के श्रेष्ठतम पुलिस थानों की रैंकिंग में 9वी रैंक प्राप्त होने पर बधाई और शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अपराध के ग्राफ, आपराधिक प्रकरणों को सुलझाने की अवधि, स्वच्छता, अधिकारियों-कर्मचारियों के व्यवहार जैसे 70 मापदंडों के परीक्षण के आधार पर प्राप्त यह रैंक प्रदेश के लिए गर्व का विषय है। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह द्वारा यह पुरस्कार प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मल्हारगढ़ थाने के पूरे स्टॉफ को भी बधाई दी।
 
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में 14 से 27 नवम्बर तक आयोजित 44वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में राज्यों की श्रेणी में मध्यप्रदेश मंडपम को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए रजत पदक प्राप्त होने की बधाई भी दी। एक भारत श्रेष्ठ भारत की थीम पर आयोजित मेले में मध्यप्रदेश के मंडप को ग्वालियर किले की थीम पर विकसित किया तथा मंडपम केन्द्र में मुरैना जिले के 64 योगिनी मंदिर को दर्शाया गया था। मध्यप्रदेश मंडपम में प्रदेश की विश्व धरोहरों खजुराहो, सांची स्तूप और भीमबेटका के साथ प्रस्तावित धरोहर स्थलों, विभिन्न सांस्कृतिक महोत्सवों, हस्तशिल्प, हाथकरघा, जी.आई., एक जिला एक उत्पाद को भी सजाया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लुटियन्स ने जब भारतीय संसद भवन का डिजाइन तैयार किया था तब उन्होंने भारत वर्ष की प्रसिद्ध इमारतों के डिजाइन बुलवाए थे, जिसमें से उन्होंने मुरैना जिले के 64 योगिनी मंदिर का चुनाव किया था। इसके आधार पर ही लुटियन्स ने भारतीय संसद भवन का निर्माण कराया था। 
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