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  4. Congress expressed concern over the statement of Air Force Chief Air Chief Marshal AP Singh
Last Modified: नई दिल्ली , शनिवार, 31 मई 2025 (17:36 IST)

वायुसेना चीफ के बयान पर कांग्रेस ने जताई चिंता, कहा- केंद्र सरकार उठाए सुधारात्मक कदम

Air Chief Marshal AP Singh
Air Force Chief Air Chief Marshal AP Singh News : कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह की परियोजनाओं के क्रियान्वयन में देरी से जुड़ी टिप्पणी चिंता का विषय है और ऐसे में सरकार को जरूरी सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने बृहस्पतिवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को राष्ट्रीय विजय करार दिया था और विभिन्न रक्षा अधिग्रहण परियोजनाओं के क्रियान्वयन में अत्यधिक देरी पर गंभीर चिंता जताई थी। वायुसेना में प्रतिभा की कमी गंभीर चिंता का विषय है। देश में सबसे अच्छे दिमाग वाले लोग वायुसेना में नहीं आ रहे हैं और यह एक मुद्दा है।
 
भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले सैन्य संघर्ष के बाद अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में एयर चीफ मार्शल ने कहा कि एक भी परियोजना समय पर पूरी नहीं हुई है। कांग्रेस नेता और तेलंगाना सरकार के मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा, कांग्रेस पार्टी हालिया भारत-पाकिस्तान संघर्ष में एक बहुत ही निर्णायक जीत में भारतीय वायुसेना की भूमिका की सराहना करती है। यह सचमुच एक उत्कृष्ट अभियान था। हमें अपनी वायुसेना पर बहुत गर्व है।
उन्होंने वायुसेना प्रमुख के हालिया बयान का हवाला देते हुए कहा कि लड़ाकू विमानों और हथियारों की आपूर्ति में गंभीर देरी वायुसेना के लिए एक गंभीर समस्या है। रेड्डी ने कहा, राहुल गांधी जी, केसी वेणुगोपाल जी, रेवंत रेड्डी जी और मैंने कई मौकों पर बताया कि 42 ऑपरेशनल फाइटर स्क्वाड्रन की जरूरत है और प्रत्‍येक ऑपरेशनल स्क्वाड्रन में 16-18 लड़ाकू विमान हों। भारत के पास वर्तमान में केवल 31 स्क्वाड्रन हैं। यह आवश्यकता से काफी कम है, खासकर तब जब हम चीन और पाकिस्तान के साथ अपनी दोनों सीमाओं पर खतरे का सामना कर रहे हैं।
 
रेड्डी ने कहा कि पूरी शक्ति न होने को लेकर भारतीय वायुसेना की चिंताएं वास्तविक हैं। उन्होंने दावा किया कि तीनों सशस्त्र बलों में कार्यबल की संख्या 10 प्रतिशत से अधिक की कमी है और भर्ती प्रक्रिया, जो कोविड के दौरान धीमी हो गई थी, कभी गति नहीं पकड़ पाई।
 
रेड्डी ने इस बात पर जोर दिया, एचएएल द्वारा तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमानों की समय पर डिलीवरी न कर पाना वायुसेना के लिए गंभीर समस्या साबित हो सकता है। स्वयं वायुसेना प्रमुख ने स्थिति के बारे में अपनी नाखुशी व्यक्त की है, और पूरे देश और भारत सरकार को इस वास्तविकता से अवगत होना चाहिए कि हमें अपने सशस्त्र बलों को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि यह मामला गंभीर चिंता का विषय होना चाहिए और सरकार को आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए। कांग्रेस नेता के अनुसार, वायुसेना को सालाना 35-40 लड़ाकू विमानों की जरूरत होती है और एचएएल को हर साल 24 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति करने का अनुबंध है और वह इसे भी देने में विफल रही है।
 
रेड्डी ने कहा, भाजपा की आत्मनिर्भर भारत की घोषणा के बावजूद, आज की तारीख में हमें याद रखना चाहिए कि स्वदेशीकरण ने अब तक गुणवत्ता और मात्रा दोनों में रक्षा बलों की जरूरतों को पूरा नहीं किया है। विशेषकर वायुसेना में प्रतिभा की कमी गंभीर चिंता का विषय है। देश में सबसे अच्छे दिमाग वाले लोग वायुसेना में नहीं आ रहे हैं और यह एक मुद्दा है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 
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