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Written By एन. पांडेय
Last Updated : शनिवार, 20 अगस्त 2022 (12:35 IST)

उत्तराखंड में भारी बारिश से तबाही, मालदेवता और यमकेश्वर में फटे बादल, पहाड़ों से गिरे बोल्डर

उत्तराखंड में भारी बारिश से तबाही, मालदेवता और यमकेश्वर में फटे बादल, पहाड़ों से गिरे बोल्डर - cloud burst in uttarakhand
देहरादून। उत्तराखंड में भारी बारिश से प्रदेश भर से तबाही की तस्वीरें सामने आई हैं। देहरादून में पिछले 24 घंटों से हो रही बारिश के चलते मालदेवता क्षेत्र में बादल फटा है। सूचना के बाद जिला प्रशासन और SDRF की टीम भी मौके पर पहुंच गई है। बादल फटने से कई जगह पर भारी नुकसान की खबरें हैं। नदी के भारी बहाव के कारण फंसी गाड़ियों और पानी से भरे रिजॉर्ट और घरों की तस्वीरें डरावनी हैं।
 
नदी का बहाव इतना तेज है कि कई पेड़ उखड़ कर नदी के बहाव में बहते हुए नजर आ रहे हैं। बादल फटने के कारण नदी एवं कुवा खाला में अत्यधिक पानी आने से ग्राम सरखेत में कुछ मकानों में पानी घुस आया। सूचना पर पहुंची SDRF की टीम द्वारा ग्राम सरखेत में फंसे सभी लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाल दिया। कुछ लोग सरखेत से चार पांच किलोमीटर आगे कुछ लोग रिसॉर्ट में पनाह लिए हुए हैं। सरखेत गांव में बादल फटने की घटना रात 2 बजकर 45 मिनट पर हुई।
 
भारी बारिश के चलते ही नेशनल हाईवे 58 ऋषिकेश से देवप्रयाग के बीच पांच जगहों पर बाधित हो गया है। यह मार्ग तीनधारा, रोलीधार, तोताघाटी, सोड पानी, और बछेलिखाल के समीप बंद हो गया है। सभी जगहों पर पहाड़ी से भारी बोल्डर आकर नेशनल हाईवे पर गिर गए हैं। गढ़वाल की लाइफ लाइन समझी जाने वाली यह सड़क बाधित होने से भारी मुसीबत का सबब बन सकती है।
 
इसी कारण प्रशासन श्रीनगर और ऋषिकेश से जाने वाले वाहनों को दूसरे मार्गों की तरफ डायवर्ट कर रहा है। श्रीनगर से आने वाले वाहनों को मलेथा टिहरी चंबा होते हुए ऋषिकेश भेजा जा रहा है। टिहरी से आने वाले वाहनों को नरेंद्रनगर, चम्बा, टिहरी और मलेथा से श्रीनगर की तरफ भेजा जा रहा है। शुक्रवार देर रात 11 बजे से नेशनल हाईवे बंद है। लोक निर्माण विभाग मार्ग को खोलने की कोशिश में जुटा हुआ है। 
 
चमोली ओर रुद्रप्रयाग जनपदों में हो रही बारिश के कारण अलकनंदा नदी के जलस्तर एकाएक बढ़ गया है। जिससे नदी के आसपास और किनारे रहने वालों लोगों को खतरा पैदा हो गया है।
 
पौड़ी जिले में शनिवार तड़के हुई बारिश यमकेश्वर तहसील के लिए आफत बनकर टूटी है। बादल फटने से यमकेश्वर तहसील में तीन गांवों में जनजीवन प्रभावित हुआ ही कई गांवों में लोगों के घर जमींदोज हो गए हैं। एक ग्राम बिनक में एक महिला की मलबे में दबकर मौत हो गई है। महिला की उम्र 70 वर्ष बताई जा रही है। डिवोगी निवासी धर्म सिंह की दुकान क्षतिग्रस्त हो गई है। ग्रामीणों के कई मवेशियों के बह जाने का भी अंदेशा व्यक्त किया जा रहा है।
 
टिहरी के नैलचामी क्षेत्र में भी मूसलाधार बारिश ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। नैलचामी के मंदार गांव के ऊपरी क्षेत्र में अतिवृष्टि होने से गनाबांज गदेरे में पानी का अत्यधिक बहाव आया है। इससे सड़क मार्ग पर मलवा आ गया और यातायात बाधित होने और पेयजल लाइन ध्वस्त होने से जनजीवन प्रभावित हुआ है। मंत्री गणेश जोशी ने देहरादून के समीपवर्ती आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया है।