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Last Updated :नई दिल्ली , शनिवार, 23 दिसंबर 2023 (00:06 IST)

बजरंग ने पद्मश्री फुटपाथ पर छोड़ा, प्रियंका ने कहा- लड़ाई में आपके साथ हूं

बजरंग ने पद्मश्री फुटपाथ पर छोड़ा, प्रियंका ने कहा- लड़ाई में आपके साथ हूं - Bajrang left Padma Shri on footpath, Priyanka said I am with you in fight
Bajrang Punia returns Padmashree: भारतीय कुश्ती संघ अध्यक्ष पद पर बृजभूषण शरण सिंह के समर्थक संजय सिंह को चुने जाने के बाद पहलवान भड़क गए। साक्षी मलिक ने जहां संन्यास ‍ले लिया, वहीं पहलवान बजरंग पूनिया अपना पद्मश्री सम्मान फुटपाथ पर छोड़कर चले गए। उन्होंने कहा कि संजय के अध्‍यक्ष बनने के विरोध में पद्मश्री लौटाने का फैसला किया है। 
 
पूनिया ने ‘एक्स’ एक पत्र पर पोस्ट कर कहा कि मैं अपना पद्श्री सम्मान प्रधानमंत्री को वापस लौटा रहा हूं। कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है। यही मेरा बयान है। उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे खत में कहा कि महिला पहलवानों को न्याय नहीं मिला। पूनिया को 2019 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। 
 
बजरंग प्रधानमंत्री से मिलकर पद्मश्री लौटाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें कर्तव्य पथ पर रोक दिया। इस दौरान उन्होंने पुरस्कार के लिए मिला अपना पदक और प्रधानमंत्री को लिखा पत्र फुटपाथ पर रख दिया था। उन्होंने पत्र में कहा कि देश की महिला पहलवानों को न्याय नहीं मिला। मैं उनके सम्मान की रक्षा नहीं कर सका। मैं इस पुरस्कार को रखने का हकदार नहीं हूं। 
 
पहलवानों को प्रियंका का आश्वासन : पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की जिन्होंने न्याय के लिए उनकी लड़ाई में हर तरह से समर्थन करने का आश्वासन दिया। प्रियंका ने कहा कि पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन करने वाली महिला पहलवानों ने भाजपा सांसद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था लेकिन सरकार ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
 
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि भाजपा अब भी आरोपी के साथ खड़ी है और देश की महिलाएं इन अत्याचारों को देख रही हैं। जब पहलवान प्रियंका गांधी से मिलने गए तो कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा भी उनके साथ थे। दीपेंद्र हुड्डा ने इससे पहले साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया से अपने आवास पर मुलाकात की, जहां हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा भी मौजूद थे।
 
दीपेंद्र हुड्डा ने ‘एक्स’ पर लिखा कि भारत की एकमात्र ओलंपिक पदक विजेता महिला पहलवान साक्षी मलिक ने खुद के साथ हुए अन्याय के कारण कुश्ती से संन्यास ले लिया और केंद्र ने अपने वादों को पूरा नहीं किया। जहां तक देश की महिलाओं के सम्मान और खेलों का संबंध है तो यह अच्छा संकेत नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने आज सुबह साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान से मुलाकात की।
 
डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण के करीबी संजय गुरुवार को यहां हुए चुनाव में डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बने और उनके पैनल ने 15 में से 13 पद पर जीत हासिल की। इस नतीजे से तीन शीर्ष पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और पूनिया को काफी निराशा हुई, जिन्होंने मांग की थी कि बृजभूषण के किसी भी करीबी को डब्ल्यूएफआई में प्रवेश नहीं मिलना चाहिए।
 
इन शीर्ष पहलवानों ने साल के शुरू में बृजभूषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया था जिन पर उन्होंने महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया था और यह मामला अदालत में लंबित है। (एजेंसी/वेबदुनिया) 
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