Ayodhya राम मंदिर के मॉडल में हो सकता है परिवर्तन
भाजपा के फायर ब्रांड नेता व पूर्व राज्यसभा सांसद विनय कटियार ने अयोध्या में श्री राम की विशाल प्रतिमा लगाने के मामले में कहा कि राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण के साथ भगवान श्रीराम की प्रतिमा भी उसी के पास स्थित परिक्रमा मार्ग पर राज घाट पार्क में लगाई जाए तो उचित होगा।
कटियार ने कहा कि राम जन्मभूमि व श्रीराम की प्रतिमा दोनों ही निकट होंगे तो दर्शनार्थियों को सुविधा भी होगी। उन्होंने ने श्रीराम जन्मभूमि के प्रस्तावित मॉडल पर भी प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा कि उक्त मॉडल में परिवर्तन की आवश्यकता है, जिसे परिवर्तित किया जाना है। इसके लिए पूर्व में राम मंदिर का नक्शा तैयार करने वाले आर्किटेक्ट के साथ विचार-विमर्श किया भी जा रहा है।
उन्होंने यह भी साफ पर कहा की जहां तक ट्रस्ट की बात है तो कोर्ट के द्वारा निर्धारित समय 9 फरवरी तक ट्रस्ट की घोषणा हो जाएगी। ट्रस्ट में बहुत ही सीमित लोगों को रखा जाएगा। इस ट्रस्ट में ज्यादातर सरकार के लोग शामिल होंगे और अयोध्या के कमिश्नर व जिलाधिकारी पदेन रखे जाएंगे।
पूर्व सांसद ने कहा कि जल्द ही राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू होगा। पहले चरण में परिसर की भूमि को समतल किया जाएगा जिसके लिए पहले रामलला को एक सुरक्षित स्थान पर विराजमान कराया जाएगा, जिससे दर्शन-पूजन भी चलता रहे।
कल्याण सिंह को रखें ट्रस्ट में : विश्व हिंदू परिषद और संतों ने मांग उठाई है कि जन्मभूमि में मंदिर निर्माण के लिए बनने वाले ट्रस्ट में राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याणसिंह को शामिल किया जाए। संतों के मुताबिक राम मंदिर आंदोलन में कल्याण सिंह अहम भूमिका रही है।
राम जन्मभूमि के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि कल्याण सिंह का त्याग राम मंदिर के प्रति रहा है। मुख्यमंत्री होते हुए उन्होंने मंदिर के लिए जो काम किया वह अभी तक किसी नेता ने नहीं किया। सिंह ने मंदिर आंदोलन के समय ढांचा विध्वंस की जिम्मेदारी ली थी।
विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि आज मंदिर निर्माण का मार्ग साफ हुआ है, इसलिए हम लोग चाहते हैं कि कल्याण सिंह को इस ट्रस्ट में रखा जाए, जिन्होंने अपना सारा जीवन मंदिर निर्माण के कार्य में समर्पित कर दिया।