Aurangabad Accident : मुझे परेशान कर रही हैं हादसे की डरावनी तस्वीरें...
औरंगाबाद। महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में एक मालगाड़ी से हुए हादसे में जीवित बचे लोगों में से एक ने कहा कि उसकी आंखों के सामने उसके साथियों की मौत की भयानक तस्वीरें उसे परेशान कर रही हैं और इस हादसे ने उसे ऐसा मानसिक आघात दिया है जिससे वह अपने जीवन में शायद कभी बाहर नहीं निकल पाएगा। शुक्रवार को हुए इस भयानक हादसे में 16 प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई।
हादसे में बचे 3 अन्य साथियों और 16 लोगों के शव के साथ एक ट्रेन से मध्यप्रदेश में अपने पैतृक स्थान जा रहे शिवमान सिंह ने कहा कि इस दुर्घटना के बाद वह सो नहीं सका क्योंकि इस हादसे की डरावनी तस्वीरें उसके दिमाग में हैं।
सिंह ने कहा कि शुक्रवार की सुबह इस हादसे के बाद बहुत सारी चीजें हुईं। मैं थका हुआ था। मैं शायद ही रात में सो पाया हूं क्योंकि मेरे दिमाग में दुर्घटना की भयानक तस्वीरें आती रहीं। अपने सामने हुई इस दुर्घटना को मैं भूल नहीं पा रहा हूं।
उन्होंने कहा कि दुर्घटना के बाद हम पीड़ितों की पहचान करने में अधिकारियों की मदद करने में व्यस्त थे और उनके सवालों के जवाब दे रहे थे।
सिंह और 19 अन्य औरंगाबाद के निकट स्थित जालना में एक इस्पात निर्माण इकाई में काम करते थे और लॉकडाउन के मद्देनजर मध्यप्रदेश में अपने घरों की ओर पैदल जा रहे थे।
उन्होंने लगभग 36 किलोमीटर चलने के बाद औरंगाबाद से लगभग 30 किलोमीटर दूर करमाड के निकट रेल पटरियों पर चलने का फैसला किया। सुबह सवा पांच बजे जालना से आ रही एक मालगाड़ी की चपेट में आने से उनमें से 16 लोगों की मौत हो गई और चार अन्य बच गए।
हादसे में बचे एक अन्य व्यक्ति वीरेंद्र सिंह ने कहा कि हमने अपने गृह राज्य की यात्रा के लिए एक सप्ताह पहले आवेदन किया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। मेरी पत्नी और बच्चे मेरे पैतृक गांव में हैं। हमने भुसावल तक अपनी यात्रा पैदल करने का फैसला किया था। (भाषा)