सेना प्रमुख ने पाकिस्तान को दी चेतावनी, देंगे मुंहतोड़ जवाब
नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को कहा कि सेना जम्मू-कश्मीर में भारत-विरोधी गतिविधियों को किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देगी। उन्होंने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ सख्त प्रतिक्रिया की चेतावनी दी। सेना दिवस पर सैन्यकर्मियों को संबोधित करते हुए जनरल रावत ने यह भी कहा कि उत्तरी सीमा (चीन) पर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विवाद जारी हैं और अतिक्रमण हो रहे हैं। हम उन्हें रोकने की दिशा में काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के रास्ते भारत में आतंकियों की घुसपैठ में लगातार मदद कर रही है। उन्हें सबक सिखाने के लिए हम अपने पराक्रम का इस्तेमाल कर रहे हैं। जनरल रावत ने कहा कि अगर हमें मजबूर किया गया तो सैन्य आक्रामकता बढ़ाने के साथ ही हम दूसरे विकल्पों की मदद भी ले सकते हैं। (भाषा)
क्यों मनाया जाता है सेना दिवस : सेना दिवस मनाने की परंपरा वर्ष 1949 में सेना के पहले कमांडर इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल केएम करियप्पा के सम्मान में शुरू की गई थी। करियप्पा ने 15 जनवरी 1949 को ब्रिटिश राज के समय के भारतीय सेना के अंतिम अंग्रेज शीर्ष कमांडर (कमांडर इन चीफ) जनरल रॉय बुचर से यह पदभार ग्रहण किया था। तब से हर साल सेना के सभी कमांड हेडक्वार्टर देश की राजधानी दिल्ली में आर्मी परेड सहित कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर आयोजित होने वाली परेड का मकसद दुनिया को अपनी ताकत से रूबरू करवाना और साथ ही युवाओं को प्रेरित करना होता है।