सोमवार, 23 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Aadhar card controversy digital revolution
Written By
Last Modified: नई दिल्ली/ बेंगलुरू , गुरुवार, 11 जनवरी 2018 (21:51 IST)

आधार पर सरकार ने दिया नया बयान

आधार पर सरकार ने दिया नया बयान - Aadhar card controversy digital revolution
नई दिल्ली/ बेंगलुरू। आधार से जुड़े ब्योरे में कथित तौर पर सैंध लगने को लेकर खड़े हुए विवाद की पृष्ठभूमि में केंद्र ने कहा कि देश में डिजिटल क्रांति के तहत नवोन्मेष हो रहा है और इसे निजता की आड़ में खत्म नहीं किया जाना चाहिए। दूसरी तरफ आधार योजना को अमलीजामा पहनाने वाले नंदन नीलेकणी ने कहा है कि यह इस योजना को बदनाम करने की ‘सुनियोजित मुहिम’ है।


कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 12 अंकों के आधार का मजबूती से बचाव करते हुए कहा कि आधार सिस्टम में स्टोर किया हुआ फिंगर प्रिंट और आंखों की स्कैनिंग के डाटा सुरक्षित हैं तथा तमाम कोशिशों के बावजूद इसमें सैंध नहीं लगाई जा सकती। हाल ही में एक अखबार ने आधार डाटा में कथित तौर पर सैंध लगने का दावा किया था। इसके बाद पूरी आधार योजना को लेकर ही बहस शुरू हो गई थी। संबंधित अखबार ‘द ट्रिब्यून’ तथा इसकी रिपोर्टर के खिलाफ भारतीय विशिष्ठ पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की शिकायत पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी।

उन्होंने यह अपील की कि निजी डाटा में कथित तौर पर सैंध लगने के मुद्दे को बहुत अधिक हवा नहीं दी जानी चाहिए। प्रसाद छठे वार्षिक अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य सम्मेलन के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि 1980 और 90 के दशक में भारत लाइसेंस राज के कारणऔद्योगिक और उद्यमी क्रांतियों से चूक गया है। उन्होंने न्यायमूर्ति श्रीकृष्णा समिति का उल्लेख करते हुए कहा कि परंतु इसे (भारत को) डिजिटल क्रांति से नहीं चूकना चाहिए। कानून मंत्री ने कहा कि यात्रा करना आपका निजी मामला है, परंतु अगर आप उड़ान जैसी सार्वजनिक परिवहन सेवा का इस्तेमाल करते हैं तो सबकुछ रिकॉर्ड हो जाता है। आप क्या खाते हैं वह आपका निजी मामला है, लेकिन आप रेस्तरां में खाते हैं तो यह बिल के माध्यम से रिकॉर्ड हो जाएगा। इसलिए निजता के मामले को बहुत अधिक हवा नहीं दी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि देश में जो नवोन्मेष हो रहा है उसे निजता की आड़ में खत्म नहीं किया जाना चाहिए। प्रसाद ने इस बात का भी उल्लेख किया कि आधार कार्ड की मदद से कैसे फर्जी खातों और शिक्षकों के बारे में पता चला है और इससे सरकार के बहुमूल्य संसाधनों की मदद हुई। यूआईडीएआई के पूर्व प्रमुख नीलेकणी ने कहा कि अगर आप सिर्फ नकारात्मक रुख अपनाते हैं और रचनात्मक रुख नहीं अपनाते हैं तो आपको दूसरी नकारात्मक प्रतिक्रियाएं भी मिलेंगी। मेरा मानना है कि सभी को यह स्वीकार करना होगा कि आधार कायम रहने वाला है। उन्होंने कहा कि उनको पूरा भरोसा है कि उच्चतम न्यायालय आधार को बरकरार रखेगा। (भाषा)