नहीं रहे रामविलास पासवान, इन 5 बातों के लिए रखा जाएगा याद
नई दिल्ली। देश के प्रमुख दलित नेताओं में से एक केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान का गुरुवार को निधन हो गया। वह 74 वर्ष के थे। पासवान ने जेपी आंदोलन के दौरान बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था और उस दौरान आपातकाल का विरोध करने के कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।
दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के पार्थिव शरीर को दोपहर 2 बजे पटना लाया जाएगा। इसके बाद पार्थिव शरीर को एयरपोर्ट से लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश कार्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को किया जाएगा। पासवान को उनकी इन 5 खुबियों के लिए हमेशा याद रखा जाएगा...
-रामविलास पासवान हवा का रुख भाप लेते थे। उन्हें जनता की नब्ज को समझने में भी महारत हासिल थी। 51 साल के राजनीतिक सफर में नेताओं के साथ ही लोगों के भी चहेते ही बने रहे। रामविलास पासवान अक्सर कहते थे कि नेता वही हैं, जो 10 साल आगे की सोचता है।
-1989 के बाद से नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की दूसरी यूपीए सरकार को छोड़ वो हर प्रधानमंत्री की सरकार में मंत्री रहे। UPA, NDA और तीसरे मोर्चे की सरकार में भी उन्हें मंत्री बनाया गया।
-पासवान राष्ट्रीय स्तर पर दलित राजनीति के सबसे बड़े चेहरे थे। वे दलितों को संविधान और कानून में दिए गए अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा खड़े रहते थे। पासवान ने दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए सदैव कार्य करते रहे।
-रामविलास पासवान ने श्रम, रेल, संचार, खदान, रसायन और उर्वरक, उपभोक्ता व खाद्य जैसे मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली। उन्हें पता था कि अधिकारियों से काम कैसे कराया जाता है।
-राजनीतिक मतभेदों के बावजूद हर पार्टी के नेताओं से उनके व्यक्तिगत संबंध अच्छे रहे और उन्होंने कुशलता से