inspirational story : गुरु नानक देव की अमूल्य सीख
गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले गुरु है। वे स्वयं सात्विक जीवन जीते तथा प्रभु को याद करने की प्रेरणा देते थे। एक बार की बात है उनके पास एक व्यक्ति आया और बोला, 'बाबा मैं चोरी तथा अन्य अपराध करता हूं। मेरा जीवन सुधर जाए, ऐसा कोई उपाय बताइए।'
गुरु नानक देव जी ने कहा कि, 'तुम चोरी करना बंद कर दो। सत्य बोलने का व्रत लो। तुम्हारा कल्याण हो जाएगा।' वह व्यक्ति उन्हें प्रणाम कर लौट गया। कुछ दिन बाद वह फिर आया। बोला, 'बाबा चोरी करने और झूठ बोलने की आदत नहीं छूट रही है। मैं क्या करूं।'
गुरु नानक जी बोले, 'भैया, तुम अपने दिन रात का वर्णन चार लोगों के सामने कर दिया करो।' चोर ने अगले दिन चोरी की, लेकिन वह लोगों को बता नहीं पाया, क्योंकि उसे डर था कि लोग उससे घृणा करने लगेंगे। उसने उसी क्षण चोरी न करने का संकल्प लिया।
कुछ दिन बाद वह नानक देव जी के पास गया और बोला, 'बाबा, आपके सुझाए तरीके ने मुझे अपराधमुक्त कर दिया है। अब मैं मेहनत से कमाई करके अपना गुजरा करता हूं।'