Nagpanchami 2025 Pitru Dosha remedies : नागपंचमी का पर्व नागों की पूजा के लिए समर्पित है, लेकिन इसका संबंध पितरों से भी गहरा माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नागों को पितरों का प्रतीक भी माना गया है। इसलिए नागपंचमी पर नाग देवता की पूजा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इस साल, नागपंचमी 29 जुलाई 2025, मंगलवार को मनाई जाएगी। यहां पाठकों की सुविधा के लिए नागपंचमी के दिन पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए 8 सरल और प्रभावी उपाय दिए गए हैं:
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नागपंचमी पर पितृ दोष से मुक्ति के 8 सरल उपाय
1. नाग-नागिन के जोड़े की पूजा:
- नागपंचमी के दिन चांदी से बने नाग-नागिन के जोड़े की विधिवत पूजा करें।
- पूजा के बाद इस जोड़े को बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। यह उपाय पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए सबसे शक्तिशाली माना जाता है।
2. शिवलिंग पर जल और दूध का अभिषेक:
- नागपंचमी पर किसी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल और कच्चा दूध अर्पित करें।
- शिव जी को नागों का देवता माना जाता है। शिवलिंग पर अभिषेक करने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं, जिससे पितृ दोष शांत होता है।
3. नाग देवता की प्रतिमा का पूजन:
- घर के पूजा स्थल पर नाग देवता की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- उन्हें दूध, हल्दी, कुमकुम, अक्षत और फूल अर्पित करें। साथ में 'ॐ नमो भगवते वासुकिनाथाय नमः मंत्र बोलें।
4. कालसर्प दोष निवारण के लिए पाठ:
- अगर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है, तो नागपंचमी के दिन कालसर्प दोष निवारण मंत्र का जाप करें।
- आप रुद्राभिषेक भी करवा सकते हैं, जो इस दोष के प्रभाव को कम करने में सहायक है।
5. पीपल के पेड़ की पूजा:
- पीपल के पेड़ में पितरों का वास माना जाता है। नागपंचमी के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और उसकी परिक्रमा करें।
- जल में दूध मिलाकर पीपल के पेड़ को अर्पित करें।
6. ब्राह्मण/ गरीबों को दान:
- नागपंचमी के दिन गरीबों को उड़द दाल, काले तिल और दूध का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। पितृ दोष निवारण के लिए ब्राह्मणों को भोजन कराकर वस्त्र और दक्षिणा का दान देना अति फलदायक माना गया है। यह दान पितरों को शांति प्रदान करता है और आपकी कुंडली में शनि और राहु के अशुभ प्रभाव को भी शांत करता है।
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7. पितरों के लिए विशेष भोग:
- नागपंचमी पर पितरों की पसंद का कोई व्यंजन बनाएं और उसे कौवे, गाय या किसी जरूरतमंद व्यक्ति को खिलाएं।
- ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं।
8. नाग गायत्री मंत्र का जाप:
- पितृ दोष से मुक्ति के लिए नाग गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करें।
- मंत्र: 'ॐ नव कुलाय विद्यमहे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात्।'
इन उपायों को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं और आपके पितृ दोष से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
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