अब शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा प्यार की खुश्बू की तरह ठहर गए डिंपल की जिंदगी में
वो किसी हवा के झौंके की तरह जिंदगी में आया और चला गया, लेकिन जिंदगी में रह गया प्यार की खुश्बू की तरह और गर्व से ऊंचे उठे सिर की तरह।
कारगिल वॉर के हीरो विक्रम बत्रा के बारे में जब उनकी प्रेमिका डिंपल चीमा किसी शाम अकेले में बैठकर सोचती होगी तो शायद यही ख्याल उनके जेहन में आता होगा।
1995 में डिंपल कैप्टन विक्रम बत्रा से मिलीं, 1996 में विक्रम सेना में चले गए। 1999 में विक्रम कारगिल वॉर में शहीद हो गए। इन पांच सालों में कुछ ही वक्त डिंपल और विक्रम साथ में रहे। लेकिन विक्रम ने जहां देश की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराकर सिर ऊंचा किया, वहीं डिंपल ने अपने प्यार को अमर कर दिया।
डिंपल आज भी विक्रम के प्यार के सहारे जिंदा है। वो कहती है कि मैं आज भी विक्रम से हर शाम को 7 बजे बातें करती हूं। दरअसल जब विक्रम आर्मी में थे तो हर शाम को 7 बजे डिंपल को कॉल किया करते थे। वे अपने प्यार और भविष्य के बारे में बातें किया करते थे।
कारगिल वॉर के हीरो कैप्टन विक्रम बत्रा का जन्म 9 सितंबर 1974 को हिमाचल के पालमपुर में हुआ था। साल 1995 में डिंपल पहली बार विक्रम बत्रा से पंजाब यूनिवर्सिटी में मिली थीं। यह उनकी कहानी की शुरुआत के दिन थे। दोनों ने एमए इंग्लिश में एडमिशन लिया था। लेकिन दोनों ही इस डिग्री में पास नहीं हो सकें। डिंपल इसे भी अपना नसीब मानती हैं। उन्होंने कहा था कि इसी वजह से वे साथ रहे और ज्यादा करीब आए।
इसके बाद जब इंडियन आर्मी एकेडमी में उनका चयन हुआ तो वे चले गए। इस प्यार की उम्र महज 4 साल थी लेकिन डिंपल ने प्यार का यह अहसास हमेशा के लिए अमर कर दिया।
एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में डिंपल ने बताया था कि –
गुजरे 20 सालों में एक दिन भी ऐसा नहीं था, जब मैंने खुद को तुमसे अलग पाया हो। मुझे हमेशा लगता है जैसे तुम किसी पोस्टिंग पर मुझसे दूर गए हो।
डिंपल बताया था, जब मेरे परिवार वाले मेरे लिए कोई रिश्ता लेकर आते... और मैं विक्रम को बताती तो वो कहता था
विक्रम हमेशा कहता था, तुम जिसे प्यार करती हो, उसे हासिल करने की कोशिश करो... वरना लोग तुम्हें उससे प्यार करने को कहेंगे, जो तुम्हें मिलेगा।
मुझे गर्व होता है, जब लोग तुम्हारी उपलब्धियों पर बात करते हैं। पर दिल के किसी कोने में एक रंज जरूर है कि काश तुम कहीं अपनी बहादुरी की ये कहानियां सुन रहे होते... तो अच्छा होता।
न्यूज वेबसाइट को डिंपल ने बताया था कि हम अक्सर मंसा देवी मंदिर और गुरुद्वारा श्री नाडा साहिब जाते थे। एक बार हम मंदिर में परिक्रमा कर रहे थे और वह मेरे पीछे चल रहा था। जैसे ही परिक्रमा पूरी हुई। उसने अचानक कहा- मुबारक हो मिसेज बत्रा। मैंने देखा उसने एक हाथ से मेरा दुपट्टा पकड़ रखा था... और मेरे पास अपनी खुशी बयां करने के लिए शब्द नहीं रह गए थे।
एक किस्सा बताते हुए डिंपल ने मीडिया को बताया था-
एक बार जब वह आया तो मैंने उसे शादी के लिए बोला, उस वक्त शायद मैं डरी हुई थी। उसने बिना कुछ कहे अपनी जेब से ब्लेड निकाला और अपना अंगूठा काटकर अपने खून से मेरी मांग भर दी। मेरी जिंदगी में मुझे सबसे ज्यादा खुशी उसी दिन हुई। उस दिन के बाद से मैं उसे पूरा फिल्मी बोलकर छेड़ने लगी थी।
डिंपल अभी भी विक्रम की यादों के साथ रहती हैं और इंतजार करती हैं विक्रम का। वो कहती हैं, मुझे भरोसा है कि वो वक्त आएगा, जब हम फिर मिलेंगे, एक होंगे।