• Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नायिका
  3. मातृ दिवस
  4. Mother's Day Short Story
Written By WD
Last Updated : शनिवार, 7 मई 2016 (15:01 IST)

मां पर लघुकथा : मां के सवाल

मां पर लघुकथा : मां के सवाल - Mother's Day Short Story
ज्योति जैन 
'मां, तुम भी ना! बहुत सवाल करती हो? मैं  और सुमि तुम्हें कितनी बार तो बता चुके हैं। एक बार ठीक से समझ लिया करो ना! पच्चीसों बार पूछ चुकी हो, रामी बुआ के बेटे की शादी का कार्यक्रम। समय पर आपको ले चलेंगे ना!' भुनभुनाता हुआ बेटा बोले जा रहा था, ''अभी मुझे ऑफिस में देर हो रही है। सुमि! मां को सारे कार्यक्रम जरा एक बार और बता देना। अब बार-बार मत पूछना मां! कहते हुए बेटा बैग उठाकर निकल गया। 
 
मां की आंखें भर आई। आजकल कोई बात याद ही नहीं रहती, पर फिर भी बरसों पुरानी बातें याद थीं। यही मुन्ना दिन में सौ मर्तबा पूछता रहता था- मां, बताओ ना! तितली का रंग हाथ में क्यों लग गया? क्या वो पीले रंग से होली खेल कर आई है? मां, हम मंदिर जाते हैं तो भगवान बोलते क्यों नहीं? भगवान सुनते कैसे हैं? बताओ ना मां? 
 
आंखें भर आने से मां की आंखें धुंधलाने लगी थी। 
ये भी पढ़ें
मेरा ब्लॉग : मेरे पास मां है.....