मुम्बई आए थे माइकल जैक्सन
दुनियाभर में धूम मचाने वाले पॉप स्टार माइकल जैक्सन 13 साल पहले मुम्बई भी आए थे और हजारों मुम्बईकरों को अपने संगीत समारोह में मंत्रमुग्ध कर दिया। जैक्सन ने 1996 में यहाँ अपनी प्रस्तुति दी थी जिसका आयोजन शिव उद्योग सेना ने कराया था। यह संगठन महाराष्ट्र में 27 लाख युवकों को नौकरी दिलाने के उद्देश्य के साथ शिव सेना के तत्कालीन नेता राज ठाकरे द्वारा चलाया जाता था।पॉप स्टार 30 अक्टोबर 1996 को मुम्बई पहुँचे जिनका अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे ने भारतीय परंपरा के अनुसार स्वागत किया था। इस अवसर पर सोनाली ने पारंपरिक मराठी साड़ी पहनी थी।मुम्बई हवाई अड्डे पर सोनाली ने माइकल जैक्सन का स्वागत आरती उतारकर तथा उनके माथे पर तिलक लगाकर किया था। हवाई अड्डे से 20 कारों के दस्ते के साथ चले माइकल जैक्सन ने अपनी टोयोटा गाड़ी इसलिए रोक दी थी ताकि वह सड़क किनारे उनकी झलक पाने के लिए खड़े लोगों से मिल सकें। माइकल जैक्सन शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे से मिलने बांद्रा स्थित उनके आवास मातोश्री भी गए थे। ठाकरे ने उन्हें चाँदी का तबला और तानपुरा भेंट किया था। होटल ओबेरॉय में ठहरने के दौरान माइकल जैक्सन ने होटल स्टाफ को उस समय आश्चर्य में डाल दिया जब वह अपने उन प्रशंसकों के बीच चले गए जो उनकी झलक पाने के लिए बेताब थे। होटल सूत्रों ने याद करते हुए बताया कि जैक्सन ने अपने प्रशंसकों का मुस्कराकर और उनसे हाथ मिलाकर स्वागत किया था। मुम्बई प्रवास के दौरान जैक्सन ने दक्षिण भारतीय और मुगलई सहित जमकर भारतीय व्यंजनों का लुत्फ उठाया था। होटल सूत्रों ने बताया कि पॉप स्टार ने नाश्ते में जहाँ मसाला डोसा और मक्खन के साथ आलू पराँठे का लुत्फ लिया वहीं उनके भोजन में अधिकतर नॉन बटर चिकन तंदूरी चिकन और मसालेदार वेजीटेबल करी शामिल होती थी।होटल में आयोजित चाय पार्टी में उनसे मिलने तथा उनके साथ खेलने के लिए अनाथालय के बच्चों को आमंत्रित किया गया था। जैक्सन ने बच्चों को चॉकलेट और उपहार दिए थे।उन्होंने एक नवम्बर को अंधेरी स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में अपनी भव्य प्रस्तुति दी। शो के लिए वह इतना सामान लाए थे कि उसे तीन रूसी परिवहन विमानों में लाया गया था। जैक्सन के मुम्बई दौरे की आलोचना भी हुई थी। आलोचकों ने शिवसेना के संस्कृत प्रेम पर सवालिया निशान लगाए थे।आलोचकों ने शिवसेना से पूछा था कि माइकल जैक्सन कौन है और वह हिन्दू संस्कृति से किस रूप में जुड़ा है। इसके जवाब में बाल ठाकरे ने कहा था माइकल जैकसन एक महान कलाकार है और हमें उसे कलाकार के रूप में स्वीकार करना चाहिए। उसकी शैली बहुत कठिन है और इस शैली में बहुत से लोग नहीं नाच सकते। आपकी तो इसमें हड्डियाँ ही टूट जाएँगी।बाल ठाकरे ने यह भी कहा था जैक्सन अमेरिका के कुछ निश्चित मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसे स्वीकार करने में भारत को कोई संशय नहीं रखना चाहिए। हम अमेरिका के उस हिस्से को अपनाना पसंद करेंगे जिसका प्रतिनिधित्व माइकल जैक्सन द्वारा किया जाता है।