मंगल ग्रह मंदिर में श्रद्धालुओं पर शुद्ध-सुगंधित जल बिंदुओं की वर्षा, सूर्य की तपिश में ओस का अहसास
महाराष्ट्र के एकमात्र मंदिर अमलनेर (महाराष्ट्र) में इस वर्ष फरवरी माह में ही नागरिकों को मार्च-अप्रैल की गर्मी का अहसास होने लगा है। आने वाले कुछ दिनों में सूर्य की तपिश और बढ़ेगी और शरीर त्राहि-त्राहि करेगा। ऐसी चिलचिलाती धूप से राहत पाने के लिए महाराष्ट्र के जलगांव जिले के अमलनेर स्थित मंगल ग्रह मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए विशेष फॉग सिस्टम की व्यवस्था लागू की गई है।
यह महाराष्ट्र का एकमात्र मंदिर है, जहां भक्तों के लिए शुद्ध और सुगंधित जल बिंदुओं की वर्षा की व्यवस्था है। इससे मंदिर परिसर में ओस बनी हुई है और तपती धूप में भी श्रद्धालुओं को राहत मिल रही है। इस फॉग सिस्टम की व्यवस्था के कारण भक्त भीगते नहीं हैं, बल्कि ओस की अनुभूति होती है।
यह व्यवस्था मंदिर अध्यक्ष दिगम्बर महाले की परिकल्पना से लागू की गई है। पूरे मंदिर परिसर में इस फॉग सिस्टम का इस्तेमाल होने से भक्तों को धूप की गर्मी से राहत मिल रही है। अमलनेर में मंगल ग्रह मंदिर भारत का एकमात्र मंदिर है जिसमें भगवान मंगल की मूर्ति है। चूंकि यह मंदिर एक बहुत ही प्राचीन और अत्यधिक जागृत है इसलिए यहां आने वाले भक्तों की संख्या बहुत अधिक है।
हर मंगलवार को लाखों घरों में श्रद्धालु अभिषेक और दर्शन के लिए आते हैं। चूंकि गर्मियों में तापमान अधिक होता है इसलिए मंदिर क्षेत्र में हीट स्ट्रोक और भक्तों को किसी भी परेशानी से बचाने के लिए इस फॉग सिस्टम का उपयोग किया जाता है। मंदिर के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व न्यासी श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए सदैव तत्पर रहते हैं।
Edited by: Ravindra Gupta