शनिवार, 21 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. मकर संक्रां‍ति
  4. Types of Makar Sankranti

इस बार मकर संक्रांति आ रही है श्रवण नक्षत्र में, जानिए कैसा होगा भविष्यफल

इस बार मकर संक्रांति आ रही है श्रवण नक्षत्र में, जानिए कैसा होगा भविष्यफल - Types of Makar Sankranti
पृथ्वी साढ़े 23 डिग्री अक्ष पर झुकी हुई सूर्य की परिक्रमा करती है तब वर्ष में 4 स्थितियां ऐसी होती हैं, जब सूर्य की सीधी किरणें 21 मार्च और 23 सितंबर को विषुवत रेखा, 21 जून को कर्क रेखा और 22 दिसंबर को मकर रेखा पर पड़ती है। वास्तव में चन्द्रमा के पथ को 27 नक्षत्रों में बांटा गया है जबकि सूर्य के पथ को 12 राशियों में बांटा गया है। भारतीय ज्योतिष में इन 4 स्थितियों को 12 संक्रांतियों में बांटा गया है जिसमें से 4 संक्रांतियां महत्वपूर्ण होती हैं- मेष, तुला, कर्क और मकर संक्रांति। जानिए किस नक्षत्र में आने वाली संक्राति कैसी होती है। दरअसल ये मकर संक्रांति के प्रकार है।
 
 
नक्षत्र युक्त संक्रांति : 
1. 27 या 28 नक्षत्र को सात भागों में विभाजित हैं- 
 
2. ध्रुव (या स्थिर)- उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपदा, रोहिणी।
 
3. मृदु- अनुराधा, चित्रा, रेवती, मृगशीर्ष। 
 
4. क्षिप्र (या लघु)- हस्त, अश्विनी, पुष्य, अभिजित, उग्र- पूर्वाफाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा, पूर्वाभाद्रपदा, भरणी, मघा।
 
5. चर- पुनर्वसु, श्रवण, धनिष्ठा, स्वाति, शतभिषक। 
 
6. क्रूर (या तीक्ष्ण)- मूल, ज्येष्ठा, आर्द्रा, आश्लेषा।
 
7. मिश्रित (या मृदुतीक्ष्ण या साधारण)- कृत्तिका, विशाखा।
 
उक्त नक्षत्रों से पता चलता है कि इस बार की संक्रांति कैसी रहेगी। इस बार संक्रांति का नक्षत्र श्रवण है अर्थात इसकी प्रकृति चर है। चर नक्षत्र शुभ फलदायी होता है। अर्थात इस बार का संक्रांति वर्ष सभी जनों के लिए शुभफल देने वाली सिद्ध होगी। मतलब यह कि सभी का भविष्य शुभ और सफल फलदायी होगा।
ये भी पढ़ें
Makar Sankranti Muhurat : इस बार कब है मकर संक्रांति? जानिए महत्व, मान्यता, मुहूर्त और मंत्र