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Last Modified: बुधवार, 16 अक्टूबर 2024 (11:56 IST)

बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में बड़ा खुलासा, हमलावरों ने यूट्यूब वीडियो से सीखा बंदूक चलाना

baba siddique
Baba siddique murder case : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या में शामिल हमलावरों ने यहां कुर्ला इलाके में एक किराए के मकान में यूट्यूब पर वीडियो देखकर बंदूक और पिस्तौल चलाना सीखा था। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। ALSO READ: Baba Siddique murder case : पुणे में रची गई बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश, शूटरों को दी गई फोटो, खुल रहा हर राज
 
पूर्व कांग्रेस नेता बाबा सिद्दीकी (66) इस साल की शुरुआत में राकांपा में शामिल हुए थे। शनिवार रात को मुंबई के निर्मल नगर इलाके में उनके विधायक पुत्र जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर तीन लोगों ने उन्हें रोका और गोली मार दी थी।
 
मामले में जांच कर रही मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने आरोपियों से पूछताछ के दौरान पाया कि संदिग्ध हमलावर शिवकुमार गौतम ने उत्तर प्रदेश में विवाह समारोहों में हर्ष फायरिंग के दौरान बंदूक चलाना सीखा था। गौतम अभी फरार है। कुर्ला में किराए के एक मकान में गौतम ने कश्यप और सिंह को बंदूक चलाने का प्रशिक्षण दिया जहां उन्होंने बंदूक (गोलियों के बगैर) चलाने का अभ्यास किया।
 
अधिकारी ने कहा कि उन्होंने करीब चार सप्ताह तक यूट्यूब से वीडियो देखकर बंदूक में गोली भरना और गोली निकालना सीखा क्योंकि उन्हें अभ्यास के लिए कोई खुली जगह नहीं मिल सकी थी। ALSO READ: Baba Siddiqui murder case : क्या एसआरए प्रोजेक्ट बना बाबा सिद्दीकी की मौत का कारण, क्यों सामने आ रहा है शाहिद बलवा का नाम?
 
मामले में कथित सह-साजिशकर्ताओं में से एक शुभम लोनकर 24 सितंबर तक पुलिस की रडार पर था। अप्रैल में यहां सलमान खान के आवास के बाहर गोलीबारी की घटना के संबंध में लोनकर से जून में पूछताछ हुई थी क्योंकि इसमें लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की संलिप्तता का संदेह था।
 
एक अधिकारी ने बताया कि शुभम लोनकर को जनवरी में महाराष्ट्र के अकोला जिले के अकोट थाने में दर्ज शस्त्र अधिनियम के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उसे जमानत मिल गई थी। पुलिस ने उस मामले में दस से ज्यादा हथियार बरामद किए थे। यह पता चला कि शुभम लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल के संपर्क में था। तब से उस पर पुलिस की नजर थी लेकिन 24 सितंबर के बाद उसका कुछ पता नहीं चल पाया।
 
जांच के दौरान यह भी पता चला कि आरोपी एक दूसरे से संवाद के लिए स्नैपचैट और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया ऐप का इस्तेमाल करते थे। स्नैपचैट में एक सुविधा होती है जिसमें संदेश देख लिए जाने के बाद वे अपने आप डिलीट हो जाते हैं या खत्म हो जाते हैं। (भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta 
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