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Last Modified: सोमवार, 30 सितम्बर 2019 (00:12 IST)

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव : इस बार टूटेगी शिवसेना की परंपरा, चुनावी मैदान में ठाकरे परिवार का चिराग

Aditya Thackeray | महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव : इस बार टूटेगी शिवसेना की परंपरा, चुनावी मैदान में ठाकरे परिवार का चिराग
मुंबई। महाराष्ट्र की राजनी‍ति में शिवसेना ने हमेशा 'किंग मेकर' भी भूमिका निभाई है लेकिन इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना की परंपरा टूटने जा रही है। ठाकरे परिवार का चिराग आदित्य ठाकरे चुनावी मैदान में उतरने जा रहा है। 
 
इसके साथ ही आदित्य, ठाकरे परिवार के पहले ऐसे सदस्य बन गए हैं जो चुनाव लड़ेंगे।
 
शिवसेना ने अटकलों को विराम देते हुए रविवार को कहा कि उसने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के बड़े बेटे आदित्य ठाकरे को मुंबई के वर्ली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है। 
 
शिवसेना प्रमुख के एक करीबी सहयोगी ने बताया कि वर्ली विधानसभा क्षेत्र के लिए आदित्य ठाकरे का नाम तय हो गया है। वर्तमान में सुनील शिंदे इस सीट से शिवसेना के विधायक हैं। वह इस बार इस सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनकी जगह आदित्य चुनाव लड़ेंगे।
 
उन्होंने कहा कि वर्ली शिवसेना के लिए सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है, इसलिए आदित्य को वहां से उतारा जा रहा है।
 
शिवसेना ने कुछ सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया : शिवसेना आदित्य की सीट के अलावा कुछ अन्य विधानसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया। राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए 21 अक्टूबर को मतदान होगा।
 
शिवसेना और भाजपा के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही है। इस बीच उद्धव ठाकरे नीत पार्टी के सूत्रों ने बताया कि रविवार को जिन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया उन पर कोई टकराव नहीं है।
 
शिवसेना के सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री दीपक केसरकार कोंकण के सिंधुदुर्ग की सावंतवाड़ी सीट से चुनाव लड़ेंगे जबकि राजेश क्षीरसागर कोल्हापुर शहर से चुनाव लड़ेंगे।
 
माना जाता है कि 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा और शिवसेना बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और कुछ सीटें छोटे सहयोगी दलों के लिए छोड़ेंगे। हालांकि सीट बंटवारे को लेकर अब तक कोई समझौता नहीं हुआ है।
 
दोनों पार्टियों के सूत्रों ने बताया कि भाजपा हाल के लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के आधार पर ज्यादा सीटें चाहती है लेकिन शिवसेना इसके लिए तैयार नहीं है।