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Last Modified: शनिवार, 8 मार्च 2025 (17:04 IST)

अगले लोकसभा, विधानसभा चुनाव में 33% सीटों पर महिलाएं लड़ेगी चुनाव: शिवराज

International Women's Day
भोपाल। अगले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में 33 फीसदी  सीटों महिलाएं चुनाव लड़ेगी, यह कहना है कैबिनेट मंत्री शिवराज सिंह चौहान का। शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भोपाल में लखपति दीदियों  के  साथ पौधा लगाने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में यह बहनें ही चुनाव लड़ेंगी। ये सांसद, विधायक, मंत्री बनेगी, बहनों, बेटियों की तकदीर भी बदलेगी और अपनी जिंदगी भी बदलेंगी और अपने देश को विकसित भारत के रूप में विकसित भारत बनाने में इनका बहुत महत्वपूर्ण योगदान होगा।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आजीविका मिशन से आज 91 लाख महिला स्वयं-सहायता समूह पूरे देश में है। जिससे लगभग 11 करोड़ दीदियां जुड़ी हुई है। 745 जिलों के 7 हजार 138 ब्लॉक्स में हमारे ये समूह फैले हुए हैं। हमारे क्लस्टर लेवल के भी ऑर्गेनाइजेशन बने हैं, जो इन समूहों को संगठित करने का काम करते हैं। प्रधानमंत्र के नेतृत्व में इन समूहों को, संस्थाओं को 50 हजार करोड रुपए की राशि प्रदान की गई है। 50 हजार करोड रुपए की राशि इन समूहों को दी गई है, वह सहायता है, लेकिन 10 लाख 14 हजार करोड रुपए बैंकों से भी सस्ते ब्याज की दरों पर दिलाए गए हैं। अब आप कल्पना करिए कि, 10 लाख 14 हजार करोड़ रुपए बहनों के हाथ में आया उससे हमारी बहनों ने कई काम प्रारंभ किए हैं।

तीन करोड़ लखपति दीदी का लक्ष्य- इस मौके पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बहनों की तारीफ करते हुए कहा कि, आज जो मेरी लखपति दीदियां खड़ी हैं कोई बैंक सखी हैं, कोई कृषि सखी है, कोई टैक्स सखी है, कोई पशु सखी है ये अलग-अलग कार्यों में लगी हुई है। हजारों प्रकार के काम हमारी ये बहनें कर रही हैं। वर्तमान में सवा करोड़ से ज्यादा लखपति दीदी बन गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि, 3 करोड़ लखपति दीदी और बनानी है। बहुत जल्द हम ये लक्ष्य हासिल करेंगे और तीन करोड़ दीदियां, लखपति दीदी होंगी। वहीं शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, हम यहां रुकेंगे नहीं, हर बहन और बेटी को अभी भी आजीविका मिशन से समूहों से जोड़ेंगे। मोदी है तो मुमकिन है, बहनें गरीब नहीं रहेंगी, वो काम करेंगी, आगे बढ़ेंगी, भारत और अपने गांव को आगे बढ़ाएंगी। आज ये बहनें न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हुई है, बल्कि समाज में इनका मान-सम्मान, इज्जत बढ़ी है, सामाजिक सशक्तिकरण हुआ है।
 
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