उज्जैन में कबाड़ी से लगवाए गए ‘जय श्रीराम' के नारे, पुलिस ने 2 लोगों को किया गिरफ्तार
भोपाल/उज्जैन। मध्यप्रदेश में उज्जैन जिले के एक गांव में 2 लोगों द्वारा एक मुस्लिम कबाड़ डीलर को कथित तौर पर 'जय श्री राम' बोलने के लिए मजबूर किया गया। इसके बाद पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस घटना के दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं।
महिदपुर के अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एसडीओपी) आर के राय ने बताया कि यह घटना शनिवार को उस समय हुई जब यहां लंबे समय से व्यवसाय कर रहे महिदपुर कस्बा निवासी कबाड़ डीलर अब्दुल रशीद अपने वाहन में कुछ कबाड़ लेने के लिए झारड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत सेकली गांव गया था।
उन्होंने कहा कि रशीद को कथित तौर पर गांव छोड़ने के लिए मजबूर किया गया और उसे धमकी दी गई कि क्षेत्र में अपना कबाड़ का कारोबार बंद करे। जब वह गांव से निकला तो पिपल्या धुमा में दो लोगों ने उसे रोक लिया और उसके साथ हाथापाई की। इसके बाद उसे कथित तौर पर 'जय श्री राम' बोलने के लिए भी मजबूर किया गया, जिसके बाद वह किसी तरह से वहां से निकल पाया।
झारड़ा थाना प्रभारी विक्रम सिंह इवने ने बताया कि दोनों आरोपियों कमल सिंह (22) और ईश्वर सिंह (27) के खिलाफ सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
इस बीच, कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट किया- मध्यप्रदेश के इंदौर, देवास और अब उज्जैन के महिदपुर की घटना…? ये कौन लोग हैं, जो निरंतर ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। हमारी गंगा-जमुनी भाईचारे की संस्कृति को कुछ लोग बिगाड़ने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है कि किसी खास एजेंडे के तहत यह सब किया जा रहा है। सरकार मूकदर्शक बनकर सब देख रही है। पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल। क़ानून का मखौल उड़ाया जा रहा है।
कमलनाथ ने कहा कि मैं सरकार से मांग करता हूं कि ऐसे तत्वों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे। किसी भी मजहब का व्यक्ति हो, यदि वो क़ानून का उल्लंघन करे, हमारे प्रदेश की फ़िज़ा खराब करने का काम करे तो उसपर सख्त से सख्त कार्रवाई हो और ऐसी घटनाओं पर रोक के लिए सरकार सभी आवश्यक कदम उठाए, वहीं मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वावास सारंग ने कहा कि राज्य सरकार ऐसी सभी घटनाओं में सख्त कार्रवाई कर रही है।
उन्होंने कहा कि हम कार्रवाई करने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं। लेकिन सवाल यह है कि कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग की ओर से इस तरह के वीडियो क्यों वायरल किए जा रहे हैं? क्या कांग्रेस इस तरह के वीडियो बनाने और उन्हें फैलाने के पीछे है? सारंग ने कहा कि यह जांच का विषय है कि क्या इन घटनाओं की योजना बनाई गई है। (भाषा)