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Written By विकास सिंह
Last Updated : गुरुवार, 3 अगस्त 2023 (17:45 IST)

मध्यप्रदेश में 'टाइगर' पर टिकी नजर!, शिवराज ने 5वीं बार CM बनने की भरी हुंकार

मध्यप्रदेश में 'टाइगर' पर टिकी नजर!, शिवराज ने 5वीं बार CM बनने की भरी हुंकार - Shivraj roared to become the Chief Minister for the fifth time
मध्यप्रदेश में आज कल ‘टाइगर’ खूब सुर्खियों में है। पिछले दिनों जहां एक ओर लगातार दूसरी मध्यप्रदेश ने रिकॉर्ड बाघों की संख्या (785) के साथ लगातार दूसरी बार टाइगर स्टेट का दर्जा हासिल करने की बड़ी उपलब्धि हासिल की। वहीं दूसरी ओर एनटीसीए की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक कान्हा टाइगर रिजर्व में लाल आंतक (नक्सल) के बढ़ती घुसपैठ से रिजर्व एरिया में रहने वाले टाइगर के लिए एक गंभीर खतरा है।

वहीं सूबे की सियासत के भी ‘टाइगर’ इन दिनों सबकी नजरों में है। प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान जो खुद को कई मौकों पर ‘टाइगर’ की उपमा ने नवाज चुके है, इन दिनों पूरी ताकत के साथ अपना साम्राज्य सुरक्षित करने में जुटे हुए है। बुधवार को आगर-मालवा पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोगों से पूछा की क्या वह पांचवी बार शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री बनाएंगे। यह पहली बार है जब शिवराज ने खुद को पांचवी बार मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट किया है।  

साल के अंत में होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए भाजपा ने अभी आधिकारिक तौर पर अपने मुख्यमंत्री चेहरे का एलान नहीं किया है लेकिन जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा अपने मंचों से शिवराज सरकार के कामों की तारीफ कर रहे है, उससे एक बात साफ है कि शिवराज ही मुख्यमंत्री चेहरा होंगे और अगर चुनावों में भाजपा सत्ता में वापसी करती है तो मुख्यमंत्री की कुर्सी के पहले दावेदार शिवराज ही होंगे।.  

ऐसे में सूबे में भाजपा की सत्ता बरकार रखने के लिए सियासत के ‘टाइगर’ एड़ी-चोटी का  जोर लगा रहे है। गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद शिवराज ने कहा था कि “टाइगर अभी जिंदा है”। कार्यकर्ताओं से चर्चा करते हुए शिवराज ने तब कहा था कि टाइगर लंबी छलांग के लिए पीछे हटा है। ऊंची छलांग से पहले दो कदम पीछे हटना पड़ता है। उन्होंने कहा था कि ‘कार्यकर्ता फिक्र ना करें, टाइगर अभी जिंदा है।’

वहीं दूसरी 2020 में भाजपा की सत्ता में वापसी कराने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया भी खुद को टाइगर की उपमा नवाज चुके है। भाजपा को सत्ता में वापसी कराने वाले सिंधिया ने कहा था कि नजर आए कि ‘टाइगर अभी जिंदा है’। मध्यप्रदेश में भाजपा की सत्ता में लाने वाले  ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों को लेकर भी भाजपा की अंदरखाने की सियासत पूरे उफान पर है। बीते 3 सालों में जिस तरह सिंधिया समर्थकों ने एक प्रेशर पॉलिटिक्स की है वह चुनाव में भाजपा में कहीं न कहीं भारी पड़ती दिख रही है। सिंधिया समर्थक मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने सीधे मुख्य सचिव की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए तो  दूसरे सिंधिया समर्थक मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और मंत्री भूपेद्र सिंह के बीच आमने सामने का टकराव हुआ है। वहीं अब चुनाव के ठीक समय सिंधिया समर्थक इमरती देवी लगातार टिकट को लेकर पार्टी पर दबाव बना रही है। दरअसल उपचुनाव में डबरा से चुनाव हराने वाली इमरती देवी के टिकट पर संशय के बादल मंडरा रहे है।

वहीं दूसरी ओर जब भाजपा चुनाव के लिए एक्टिव मोड में आ गई है तब ज्योतिरादित्य सिंधिया की कम सक्रियता को लेकर भी सियासी गलियारों में काफी चर्चा है। अब सिंधिया को प्रदेश चुनाव में कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है। जबकि कांग्रेस में रहते हुए 2018 के विधानसभा चुनाव में सिंधिया पार्टी के सबसे बड़े चेहरे थे। ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा कि खुद को ‘टाइगर’ बताने वाले सिंधिया का चुनाव में भाजपा कितना उपयोग करती है।
 
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